272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना को चालू होने में लगे करीब 28 साल
272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना को चालू होने में लगे करीब 28 साल


जम्मू, 7 जून (हि.स.)। 1997 में शुरू हुई 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना को चालू होने में करीब 28 साल लग गए। जम्मू और उधमपुर के बीच इसका पहला 55 किलोमीटर लंबा खंड अप्रैल 2005 में पूरा हुआ था।

उत्तरी रेलवे के अनुसार पूरी परियोजना कई चरणों में पूरी हुई और चालू हुई जिसमें से आखिरी चरण का उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। जम्मू-उधमपुर खंड को खोलने के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने कश्मीर के खंडों पर ध्यान केंद्रित किया और अक्टूबर 2008 में 68 किलोमीटर लंबे अनंतनाग-मझोम रेल लिंक को चालू किया। उत्तरी रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि इसके बाद 32 किलोमीटर लंबा मझोम-बारामुल्ला रेल लिंक आया जिस पर फरवरी 2009 में ट्रेन सेवाएं शुरू हुईं। इसलिए 2009 तक स्थानीय लोगों ने यूएसबीआरएल परियोजना के अंतिम बिंदु यानी बारामुला से अनंतनाग तक ट्रेन यात्रा का लाभ उठाया।

उन्होंने कहा कि चूंकि अन्य खंडों पर भी काम चल रहा था इसलिए रेलवे अक्टूबर 2009 के अंत तक अनंतनाग से काजीगुंड तक जम्मू की ओर ट्रेन सेवा का विस्तार करने में सक्षम था। रेलवे ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि तब हासिल की जब उसने जून 2013 में काजीगुंड से बनिहाल तक ट्रेन सेवाओं का विस्तार किया जिसमें 11.215 किलोमीटर लंबी पीर पंजाल सुरंग का निर्माण शामिल था। अधिकारी ने कहा कि लगभग एक साल बाद जुलाई 2014 में जम्मू की ओर से उधमपुर-कटरा लाइन चालू कर दी गई।

रेलवे के एक सूत्र के अनुसार जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो कश्मीर की ओर बारामुला से बनिहाल और दूसरी ओर कटरा से जम्मू तक रेल सेवाएं चालू थीं। कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क पर लाने के लिए बनिहाल से कटरा को चालू करने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बनिहाल से कटरा कनेक्टिविटी को दो चरणों में पूरा किया। सबसे पहले फरवरी 2024 में बनिहाल से संगलदान और फिर 6 जून 2025 को संगलदान से कटरा को चालू किया गया

उत्तर रेलवे ने कहा कि बनिहाल से कटरा खंड में प्रतिष्ठित चिनाब और अंजी ब्रिज और कुछ सबसे कठिन और सबसे लंबी सुरंगें हैं। उदाहरण के लिए 12.75 किलोमीटर लंबी देश की सबसे लंबी चालू रेल सुरंग बनिहाल और संगलदान के बीच है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता