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भरतपुर, 7 जून (हि.स.)। राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है। सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आठ जून को जिले के पीलूपुरा में महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला की अगुवाई में समाज के नेता गांव-गांव जाकर लोगों को महापंचायत में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं। अब तक 300 गांवों में पीले चावल बांटे जा चुके हैं। समिति की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग इस महापंचायत में शामिल हों।
गुर्जर आंदोलन की यह 17वीं बरसी है। विजय बैंसला ने महापंचायत का ऐलान करते हुए कहा था कि “अबकी बार हक लेकर ही घर लौटेंगे।” उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने गुर्जर समाज की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी। विजय बैंसला ने कहा कि इस बार सरकार से बंद कमरों में नहीं, बल्कि समाज के सामने बातचीत होगी। उन्होंने अपना रूट चार्ट भी सरकार को सौंप दिया है और कहा है कि सरकार उसी के अनुसार समाज के सामने आकर वार्ता करे। महापंचायत को लेकर प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गए हैं। भरतपुर के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि आठ जून को बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा-करवारी इलाके में महापंचायत होनी है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा रहा है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
उन्होंने कहा कि समाज के नेताओं से प्रशासन की बातचीत हुई है। प्रशासन की तरफ से वार्ता के लिए दरवाजे खुले हैं। अगर समाज की कोई मांग है तो वे खुले मन से बातचीत के लिए आगे आएं।
महापंचायत को लेकर गुर्जर समाज में जबरदस्त तैयारी चल रही है। जगह-जगह छोटी पंचायतें हो रही हैं, जिनमें महापंचायत की योजना साझा की जा रही है। नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि समाज के हकों की आवाज उठाने का मंच है। गुर्जर समाज की यह पहल एक बार फिर राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। अब देखना होगा कि महापंचायत के पहले या बाद में सरकार क्या रुख अपनाती है और मांगों को लेकर कोई समाधान निकलता है या आंदोलन की राह पर फिर से कदम बढ़ते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित