मुख्यमंत्री साय रायपुर लाैटे, कहा-प्रधानमंत्री से प्रगति व सुशासन की अवधारणाओं को लेकर चर्चा हुई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय


रायपुर, 7 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने एक दिवसीय प्रवास पूरा कर शनिवार सुबह रायपुर लौटे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की। यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि बस्तर के बदलते परिदृश्य, योजनाओं की प्रगति और सुशासन की अवधारणाओं को लेकर गंभीर चर्चा का मंच बना।

उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी से चर्चा में बोधघाट परियोजना पर चर्चा हुई है। इसके बनने से चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी और सवा सौ मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि अब बस्तर का चेहरा पूरी तरह बदल रहा है। जहां पहले बारूदी सुरंगें और बंदूकें बस्तर की पहचान थीं, अब वहां मोबाइल टाॅवर खड़े हो रहे हैं। यह सिर्फ संचार के माध्यम नहीं, बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।

साय ने बताया कि राज्य में अब तक 671 मोबाइल टावर चालू किए जा चुके हैं, जिनमें 365 टावर 4G नेटवर्क से लैस हैं। इसके अलावा सरकार ने 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंप की स्थापना भी की है, जिनके आसपास के गांवों में अब सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और नेटवर्क की सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।

मुख्यमंत्री साय ने सुशासन तिहार की जानकारी प्रधानमंत्री के साथ साझा की। साय ने बताया कि राज्य में बारिश के दिन घटकर अब 100 से 65 दिन रह गए हैं। ऐसे में जल संरक्षण को लेकर सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। जीआईएस मैपिंग, जलदूत ऐप जैसे नवाचारों से पानी की उपलब्धता और आवश्यकता को ट्रैक किया जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें महिला समूहों की भी सक्रिय भूमिका है, जो जल स्रोतों की सफाई और पुनर्जीवन में जुटी हैं।

मुख्यमंत्री ने देश की पहली 24×7 हाइब्रिड पब्लिक लाइब्रेरी नालंदा परिसर की जानकारी दी। इस 18 करोड़ की परियोजना में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित संरचना है। अब तक 11 हजार से अधिक छात्र लाभांवित हुए हैं और 300 से अधिक छात्र यूपीएससी/सीजीपीएससी में सफल हुए हैं। वहीं प्रयास मॉडल के तहत वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, कैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। अब तक 1508 छात्र राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल