Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
भोपाल, 07 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़े के मामले में सूबे के 8 जिलों में 21 एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस संबंध में शनिवार को पुलिस मुख्यालय के पुराने कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक जीडी तथा रेडियो में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए वर्ष 2023 में Online लिखित परीक्षा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें 6,52,057 उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
प्रक्रिया के द्वितीय चरण में लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवार 55,220 अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा चयन शाखा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 16 अक्टूबर से 20 नवम्बर के मध्य आयोजित की थी। संपूर्ण प्रक्रिया के उपरांत कुल 6423 अभ्यर्थी (5090 पुरूष एवं 1333 महिला) का चयन किया गया था।
द्वितीय चरण के शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान नवम्बर 2024 में परीक्षा केन्द्र मुरैना में 05 अभ्यर्थियों द्वारा अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्तियों को परीक्षा में शामिल होने केे लिए भेजा गया, जिन्हें संदिग्ध पाते हुए, परीक्षा में शामिल न कर उक्त उम्मीदवारों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विधिसम्मत कार्यवाही की गई थी। इस अनुभव के आधार पर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अंतिम परिणाम जारी होने के उपरांत सभी सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उनकी आवंटित इकाईयों से बायोमेट्रिक एवं आधार हिस्ट्री की जांच पुनः कराये जाने के लिए 21 अप्रैल 2025 को निर्देश जारी किये गये।
अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच में कुछ जिले में संदिग्ध रूप से भिन्नता पाये जाने पर बारीकी से जांच कराई गई, जिसमें यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा के पूर्व अपना आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया था तथा लिखित परीक्षा के ठीक बाद उनके द्वारा पुनः आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया। ऐसे अभ्यर्थियों पर संदेह के आधार पर इनकी जांच कराई गई, जिसमें इनके हस्ताक्षर नूमना, हस्तलिपि, फिंगर प्रिंट लिये गये। साथ ही परीक्षा के दौरान इनके द्वारा दिये गये फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि, के नमूने को प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन के संबंध में तकनीकी रूप से भी जांच कराई गई, जिसमें भिन्नता पाये जाने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। अभी तक 21 प्रकरण 22 अभ्यर्थियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये जा चुके है, जिसमें मुरैना में 07, शिवपुरी-06, श्योपुर-02 तथा इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ तथा शहडोल में 01-01 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आये हैं कि कुछ आधार कार्ड बेण्डरों द्वारा अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अभ्यर्थियों के आधार कार्ड को बिना पूरी तरह जांच किये संसोधन के लिए अपने सिस्टम में अपलोड किया गया था। आरोपियों द्वारा इस प्रक्रिया का लाभ उठाते हुए अपराध कारित किया गया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा