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जयपुर, 7 जून (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनाथ बच्चों की हालत को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार जरूरतमंद अनाथ बच्चों को सामाजिक सुरक्षा नहीं दे पा रही है, जिसके कारण मासूम बच्चे सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं।
गहलोत ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सरकार की ज्यादातर योजनाएं सिर्फ कागजों में ही रह गई हैं। ज़मीनी स्तर पर इनका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। गहलोत ने अपनी सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना' शुरू की गई थी। इसके तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे को एक लाख रुपये की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की उम्र तक हर माह 2500 रुपये और सालाना 2000 रुपये देने का प्रावधान था। इसके अलावा, ‘पालनहार योजना’ के तहत पांच वर्ष तक के बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह और स्कूल में प्रवेश के बाद 18 साल की उम्र तक 1000 रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था की गई थी। गहलोत ने कहा कि इन योजनाओं से हजारों अनाथ बच्चों को राहत मिली थी।
गहलोत ने सरकार से पूछा कि जब योजनाएं बनी हुई हैं, तो फिर इन मासूम बच्चों को क्यों भीख मांगनी पड़ रही है? उन्होंने कहा कि यह सरकार की असंवेदनशीलता और प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित