कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों की पहचान और संरक्षण कें लिए जागरूकत जरूरी: डॉ शिशिर
कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों की पहचान और संरक्षण कें लिए जागरूकत जरूरी: डॉ शिशिर


खूंटी, 5 जून (हि.स.)। जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में और चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सीनी) के सहयोग से गुरुवार को डीआरडीए सभागार में बाल संरक्षण सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन तथा बाल अधिकारों के मुद्दों पर जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ. शिशिर कुमार सिंह ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों की पहचान और उनके संरक्षण के लिए जन-जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बाल हितैषी पंचायतों के निर्माण में जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है तथा पंचायती राज विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में लगातार प्रशिक्षित और जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले में ज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है ताकि स्थानीय समुदाय को बच्चों के अधिकारों और योजनाओं की जानकारी मिल सके। साथ ही पंचायत कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि वे संकटग्रस्त बच्चों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़े। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाल संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी मो. अल्ताफ खान ने कहा कि पंचायत स्तर पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के माध्यम से संकटग्रस्त बच्चों की पहचान कर उन्हें मिशन वात्सल्य सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री सरकार ने समिति की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि बाल कल्याण समिति जोखिम में रह रहे बच्चों की कानूनी अभिभावक है तथा 24 घंटे उनकी सेवा में तत्पर है।

इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी सदस्य मो शाहजहां, मरियम आइंद, पंचायती राज की डीपीएम शशि किरण मिंज, जिला समन्वयक मो. तौफीक, जेएसएलपीएस के रमेश नायक, सीनी के अशोक कुमार एवं अजीत कुमार, चाइल्ड हेल्पलाइन कर्मी सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुजीत गोस्वामी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुमार सौरभ ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा