सेवा भाव की मिसाल बने गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के नन्हें सेवक
जल सेवा करते बच्चे


हरिद्वार, 5 जून (हि.स.)। गायत्री जयंती महापर्व के अवसर पर जहां एक ओर शांतिकुंज परिसर में विविध आध्यात्मिक कार्यक्रमों की गूंज रही, वहीं दूसरी ओर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के स्काउट-गाइड के बच्चों ने अपनी निःस्वार्थ सेवा से श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। देश-विदेश से पधारे हजारों श्रद्धालुओं के स्वागत व सत्कार में जुटे इन बाल सेवकों ने दिनभर ठंडा जल पिलाकर न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाई, बल्कि अतिथि देवो भवः की भारतीय परंपरा को भी जीवंत किया।

बच्चों ने कहा कि ये सभी हमारे अतिथि हैं, तो उनकी सेवा व सहयोग हमारा दायित्व है। श्रद्धालुओं ने बच्चों की अनुशासनप्रियता, विनम्रता और सेवा भाव की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ही संस्कार भारत को पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में ले जाएंगे।

गायत्री विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख शैफाली पण्ड्या ने बताया कि बच्चों को यह शिक्षा प्रारंभ से दी जाती है कि सेवा में विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता देखकर युगऋषि की शिक्षा ‘हम बदलेंगे, युग बदलेगा’ की सार्थकता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला