अनूपपुर: चार साल से न्याय की गुहार लगा रहे किसान ने कलेक्ट्रेट परिसर में किया आत्मदाह का प्रयास
जिलाचिकित्सालय में भर्ती किसान


अनूपपुर, 5 जून (हि.स.)। जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम सकरा निवासी किसान भगवानदास गोड़ ने प्रशासन से न्याय न मिलने से तंग आकर आत्मदाह का प्रयास किया। किसान ने परिसर के अंदर अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की, लेकिन समय रहते वहां मौजूद लोगों और कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसान से उसकी समस्या जानने का प्रयास किया। समझाइश के बावजूद भगवानदास कलेक्ट्रेट परिसर में सिर पटकने लगा। स्थिति को बिगड़ते देख कोतवाली पुलिस ने उसे तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया।

चार वर्षों से भटक रहा है न्याय के लिएभगवानदास का कहना है कि ग्राम छीरापटपर में स्थित उसकी चार एकड़ पुश्तैनी जमीन पर एक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया है। बीते चार वर्षों से वह तहसील, एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

मानसिक तनाव में था किसानभगवानदास गोड़ की मां बत्तू बाई ने बताया कि बेटा कई वर्षों से न्याय की आस में दर-दर भटक रहा था। अधिकारियों की उदासीनता और सुनवाई न होने से वह मानसिक रूप से टूट गया था और आत्मदाह जैसा गंभीर कदम उठाने को मजबूर हुआ।

किसान के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाईघटना के बाद किसान की जिद और आत्मघाती प्रयास को देखते हुए तहसीलदार द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके तहत कोतवाली पुलिस ने भगवानदास के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तहसीलदार ने जेल वारंट जारी कर किसान को जेल भिजवा दिया।

प्रशासनिक व्यवस्था पर उठे सवालइस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली और ग्रामीण समस्याओं के प्रति उसकी संवेदनशीलता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। दरअसल, किसान की आत्महत्या की कोशिश यह दर्शाती है कि लापरवाही और निर्णयों में देरी आमजन को किस हद तक निराश कर सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला