सार्वजनिक परिवहन में सुधार करके 2030 तक पर्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन में लाई जा सकती है 17 फीसदी तक कमीः सीईईडब्ल्यू
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नई दिल्ली, 5 जून (हि.स.)। पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में 200 ई-बसों को लॉन्च किया। इन बसों की शुरुआत को काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) ने स्वागतयोग्य कदम बताया है। सीईईडब्ल्यू के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन में सुधार करके 2030 तक पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) उत्सर्जन में 17 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है।

सीईईडब्ल्यू में सीनियर प्रोग्राम लीड हिमानी जैन ने एक बयान में कहा, विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री ने देवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज) योजना के तहत 200 ई-बसों की शुरुआत करके सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए एक मजबूत संदेश दिया है। ये क्लीन इलेक्ट्रिक बसें निजी वाहनों का उपयोग घटाएंगी और तेजी से गर्म होते वातावरण में सबसे संवेदनशील, कमजोर और परिवहन की कमी का सामना करने वाले समुदायों को ए.सी. सफर का आनंद उपलब्ध कराएंगी।

काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के अध्ययनों का अनुमान है कि सार्वजनिक परिवहन में सुधार करके 2030 तक पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) उत्सर्जन में 17 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है। ये बसें अकेले 10 वर्षों के संचालन में लगभग 6 टन पीएम उत्सर्जन घटाएंगी। तेजी से बढ़ते भारतीय शहरों और जलवायु परिवर्तन के लिए नीतिगत संदेश यह है कि क्लीन, शेयर्ड पब्लिक ट्रांसपोर्ट के विकास से अगले दशक में शहरी परिवहन को आकार दिया जाए। अगले कदम के रूप में दिल्‍ली सरकार को 4000 फट-फट सेवा वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन को सक्रियता के साथ आगे बढ़ाना चाहिए और मेट्रो की लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए उनकी जगह पर माइक्रो-बसों को लाना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी