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भोपाल, 05 जून (हि.स.)। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘नक्शा’ वेब जीआईएस प्लेटफॉर्म पर कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को भोपाल के भौरी स्थित आईआईएसईआर में हुआ। कार्य़शाला का उद्देश्य भू-प्रबंधन एवं प्रशासनिक प्रणाली को पारदर्शी और तकनीक सक्षम बनाना है। कार्यशाला में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राजस्व और नगरीय प्रशासन सचिव, नगर निगम आयुक्त और 120 से अधिक नगरीय निकायों के 200 से अधिक प्रतिभागियों सहित भू-प्रबंधन से जुड़े पेशेवरों ने भाग लिया।
‘नक्शा’ वेब-जीआईएस सॉल्यूशन पर आधारित कार्यशाला में इस प्लेटफॉर्म की क्षमताओं का शहरी संपत्ति सर्वेक्षण और भू-स्थानिक डाटा प्रबंधन में उपयोग पर प्रकाश डाला गया। उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग के निदेशक श्याम कुमार, मप्र राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग आयुक्त संकेत एस. भोंडवे, आईआईएसईआर भोपाल के निदेशक प्रो. गोबर्धन दास और एमपीएसईडीसी परियोजना निदेशक गुरु प्रसाद ने संबोधित किया।
कार्यशाला के पहले दिन ‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म की विशेषताओं और इसके शहरी संपत्ति सर्वेक्षण में वास्तविक उपयोग के संदर्भ में टेक्निकल प्रेजेंटेशन और लाइव डेमो प्रस्तुत किये गए। सर्वे ऑफ इंडिया और एमपीएसईडीसी के विशेषज्ञों ने ड्रोन आधारित इमेज ऐनालिसिस, फीचर एक्सट्रैक्शन और ग्राउंड लेवल सर्वे की विधियों पर प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों को सांची के फील्ड विज़िट के दौरान मोबाइल-आधारित ‘नक्शा’ ऐप के माध्यम से रियल-टाइम सर्वेक्षण जैसे भूखंड मूल्यांकन, बहु-स्वामित्व संरचना और अभिलेख अपडेट बनाए रखने की प्रायोगिक जानकारी दी गई।
कार्यशाला में केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग के निदेशक श्याम कुमार ने एमपीएसईडीसी की सराहाना करते हुऐ इसकी कैपेसिटी बिल्डिंग प्रक्रिया को भारत में अग्रणी बताया। प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में 60% दीवानी मुकदमे भूमि विवादों से जुड़े हैं। ‘नक्शा’ इस समस्या का समाधान है। कार्यशाला में एमपीएसईडीसी अतिरिक्त परियोजना निदेशक डॉ. संदीप गोयल ने नक्शा के 19 मॉड्यूल पर आधारित तकनीकी विवरण प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर