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उत्तर 24 परगना, 5 जून(हि.स.)।
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच उत्तर 24 परगना ज़िले के गायघाटा में हुए सहकारी समिति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। वर्षों से तृणमूल के नियंत्रण में रही डूमा फिशरमेन को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड अब भारतीय जनता पार्टी के हाथों में चली गई है।
नौ सीटों वाली इस समिति में बुधवार को चुनाव संपन्न हुए, जिसमें बीजेपी ने आठ सीटों पर उम्मीदवार उतारे और तृणमूल ने सभी नौ सीटों पर। परिणाम में बीजेपी ने छह सीटें जीत लीं, जबकि तृणमूल केवल तीन सीटों पर सिमट गई।
यह सहकारी समिति पिछले आठ वर्षों से तृणमूल के कब्जे में थी। चुनाव, गायघाटा के सबईपुर आदर्श विद्यालय में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए।
बीजेपी विधायक स्वपन मजूमदार ने दावा किया, “यह जनादेश तृणमूल कांग्रेस की विफलताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ है। पिछले आठ वर्षों में तृणमूल ने डूमा बाउर (जलाशय) क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया। जनता ने उसका जवाब वोट से दे दिया।”
वहीं तृणमूल के गायघाटा दो नंबर ब्लॉक के अध्यक्ष श्यामल कुमार विश्वास ने परिणाम के पीछे वाम और भाजपा के कथित गुप्त गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि “मछुआरों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जितना काम किया, उसके बावजूद यह परिणाम क्यों आया, इसकी पार्टी आंतरिक समीक्षा करेगी।”
यह परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। भाजपा का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी तृणमूल अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपना आधार खोती जा रही है।
हालांकि तृणमूल नेतृत्व फिलहाल इस हार को ज्यादा महत्व नहीं दे रहा, लेकिन यह साफ है कि भाजपा अब सहकारी समितियों जैसे छोटे चुनावों में भी अपना प्रभाव बढ़ाने में जुट गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय