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बारामुला, 5 जून (हि.स.)। बारमुला पुलिस ने मानसिक रूप से विकलांग नाबालिग लड़की से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले की जांच में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है जिसके परिणामस्वरूप निरंतर फोरेंसिक और जांच प्रयासों के माध्यम से तीन आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हुई है।
जनवरी 2025 में सूचना मिलने पर कुंजेर पुलिस स्टेशन ने एसडीएच मगाम में एक 16 वर्षीय लड़की के मेडिकल परीक्षण के दौरान 25 सप्ताह की गर्भवती पाए जाने के बाद पोक्सो अधिनियम और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर नंबर 04/2025 दर्ज किया। तत्कालीन एसएचओ कुंजेर इंस्पेक्टर शेख आदिल के नेतृत्व में की गई जांच से पता चला कि नाबालिग का कई अपराधियों द्वारा बार-बार उत्पीड़न किया गया था।
प्रारंभिक पूछताछ में मोहम्मद रफीक भट (धोबीवान निवासी), मोहम्मद नसरुल्ला खान (हैहामा लोलाब, कुपवाड़ा निवासी) को गिरफ्तार किया गया जिन्हें पोक्सो प्रावधानों के तहत दुष्कर्म, गंभीर यौन उत्पीड़न और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था हालांकि डीएनए विश्लेषण में उन दोनों को पिता के रूप में बाहर रखा गया था।
लगातार प्रयासों के माध्यम से जांचकर्ताओं ने मुख्य संदिग्ध के रूप में जावद आलम (चंपारण निवासी) पर ध्यान केंद्रित किया। फोरेंसिक मिलान ने पुष्टि की कि उसका डीएनए भ्रूण से मेल खाता है जिससे उसे जैविक पिता के रूप में स्थापित किया गया और गर्भधारण के लिए यौन उत्पीड़न में उसकी भूमिका की पुष्टि हुई।
जांच ने पुष्टि की कि तीनों आरोपियों ने कई मौकों पर पीड़िता का स्वतंत्र रूप से यौन उत्पीड़न किया जिसमें आलम गर्भाधान के लिए जिम्मेदार था।
यह मामला सबसे कमजोर लोगों को न्याय दिलाने के लिए बारामुला पुलिस की अथक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बारामुला पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक फोरेंसिक जटिलताओं के बावजूद हमारी टीम ने सभी अपराधियों की पहचान करने के लिए व्यवस्थित जांच और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया। हम बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति अपने शून्य-सहिष्णुता के रुख की पुष्टि करते हैं और कठोर अभियोजन सुनिश्चित करेंगे।
बारामुला पुलिस ने इस मामले या संबंधित घटनाओं के बारे में अतिरिक्त जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति से आगे आने का आग्रह किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता