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रामगढ़, 5 जून (हि.स.)। बकरीद का त्यौहार एक दिन बाद मनाया जाने वाला है। त्यौहार में कुछ लोग रामगढ़ शहर की शांति भंग करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन रामगढ़ थाना प्रभारी पीके सिंह के एक्शन ने नेताओं की दाल नहीं गलने दी। रामगढ़ थाना प्रभारी पीके सिंह की पहल के बाद शहर में एक बार फिर अमन कायम रहा। साथ ही सामाजिक विद्वेष भी बढ़ नहीं पाया। जिस प्रकार रामनवमी के त्यौहार में दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर खुशी मनाई, उसी प्रकार दोनों समुदायों ने मिलकर बेहद संवेदनशील मामले को हल किया।
रामगढ़ दामोदर नदी तट पर गोलपार, पूर्नी मंडप की महिलाएं और बच्चियां स्नान करने और कपड़ा धोने गई थी। इसी दौरान नई सराय मोहल्ले के कुछ उचक्के वहां पहुंचे। उन लोगों ने महिला और बच्चियों के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। पहले तो दोनों परिवारों के बीच मारपीट हुई और फिर मामला सामाजिक स्तर पर बढ़ता चला गया। एक तरफ जहां दामोदर नदी तट पर छेड़खानी हुई, वहीं मारपीट की घटना रउता इलाके में हुई । दोनों अलग-अलग घटनाएं कुजू और रामगढ़ थाने के बीच होने की वजह से असमंजस की स्थिति भी बनी। लेकिन रामगढ़ थाना प्रभारी पीके सिंह ने समझदारी से दोनों थानों के मामलों को खुद ही हल कर दिया। जब महिलाएं और बच्चियां रामगढ़ थाने पहुंची तब थाना प्रभारी ने तत्काल उन उद्दंड लड़कों को उठाकर थाने लाया। महिलाओं की आबरू की बात थी, तो उन्हें पूरा न्याय भी मिला, जबकि उन लोगों के द्वारा आवेदन भी नहीं दिया गया था। बाद में सामाजिक स्तर पर दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर इस पूरे मामले का हल निकाला।
रामगढ़ थाना प्रभारी ने जिस संवेदनशीलता के साथ गोल पार्क में हुई घटना को संभाला, उससे एक बड़ा संदेश समाज में गया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस पर अपनी राजनीति की रोटी देखना चाहता है, तो उसके लिए कोई जगह नहीं होगी। पीड़ित सीधे थाने पहुंच सकते हैं और अपनी बात रख सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश