राज्यपाल ने शेरवुड कॉलेज की सैम मानेकशॉ व सोमनाथ शर्मा की गौरवशाली परंपरा को किया याद
शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन


शेरवुड कॉलेज के वार्षिकोत्सव में राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह भेंट करते प्रधानाचार्य अमनदीप संधू व बर्शर बासु साह।


नैनीताल, 5 जून (हि.स.)। शिक्षा नगरी के ऐतिहासिक शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन बुधवार को भव्यता के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने विद्यालय में दीर्घकालिक सेवाएं देने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों को सम्मानित किया तथा विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

कार्यक्रम का आरंभ छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सामूहिक गायन व अंग्रेजी नाटक ‘द ट्वेल्थ नाइट’ से हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके उपरांत आयोजित शारीरिक प्रस्तुति में मार्च पास्ट, मशाल प्रस्तुति, टम्बलायर पीटी, मास पीटी और जिमनास्टिक ने सभी को प्रभावित किया। राज्यपाल ने इसे अनुशासन, शारीरिक सशक्तता और विद्यार्थियों के समन्वय का अनुपम उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रदर्शन यह विश्वास दिलाते हैं कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

राज्यपाल ने शेरवुड कॉलेज को केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि जीवंत विरासत बताते हुए कहा कि यहां इतिहास, अनुशासन और नेतृत्व का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ व परम वीर चक्र प्राप्त मेजर सोमनाथ शर्मा जैसे पूर्व छात्रों का उल्लेख करते हुए कॉलेज की गौरवशाली परंपरा को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को तेजी से बदलते समय के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि अमृतकाल के आगामी 25 वर्षों में विद्यार्थियों की भूमिका भारत को आत्मनिर्भर व विश्वगुरु बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

समारोह में असम के विशेष मुख्य सचिव रहे एस अब्बासी ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, विद्याल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, अभिभावक, पूर्व छात्र व बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी