यूपी के लखनऊ-हरदोई सीमा पर पीएम मित्र पार्क योजना से बनेगा टेक्सटाइल पार्क,निर्माण प्रक्रिया ने पकड़ा जोर
यूपी के लखनऊ-हरदोई सीमा पर पीएम मित्र पार्क योजना से बनेगा टेक्सटाइल पार्क,निर्माण प्रक्रिया ने पकड़ा जोर


डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल पर विकसित होगा पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क

10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद, एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर होंगे सृजित

लखनऊ, 05 जून (हि.स.)। योगी सरकार ने लखनऊ-हरदोई सीमा पर प्रस्तावित पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल और परिधान पार्क के विकास के लिए मास्टर डेवलपर के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। पीएम मित्र पार्क योजना के अंतर्गत टेक्सटाइल पार्क का विकास, विपणन और संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने समस्त संबंधित राज्यों से विस्तृत विचार विमर्श के बाद मॉडल बिड अभिलेख आरएफपी एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट (डीसीए) तैयार किया गया है।

इस बिड अभिलेख के माध्यम से पीएम मित्र पार्क के विकास के लिए मास्टर डेवलपर्स का चयन किया जाएगा। ड्राफ्ट बिड अभिलेख में दिए गए मुख्य मानदंडों के अनुसार यह परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर आधारित है एवं चयनित मास्टर डेवलपर को 50 वर्षों की रियायत अवधि पर दी जानी प्रस्तावित है। परियोजना पूर्ण होने पर स्थापित होने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स को योगी सरकार द्वारा विभिन्न मदों में छूट देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि चयनित मास्टर डेवलपर वैश्विक मानकों के अनुसार मास्टर प्लान तैयार करने और एसपीवी के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए उत्तरदायी होगा। पार्क के अंदर की अवस्थापना का विकास मास्टर डेवलपर द्वारा अपने जोखिम और लागत पर किया जाएगा। साथ ही वह विपणन, संचालन और रख रखाव हेतु भी उत्तरदायी होगा। चयनित मास्टर डेवलपर को पार्क के भीतर आंतरिक सड़क, विद्युत वितरण, बुनियादी ढांचा, जल और अपशिष्ट जल शोधन सुविधाएं, प्लग एंड प्ले बुनियादी ढांचे का विकास, फैक्टरी शेड्स, इन्क्यूबेशन सेंटर, सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, कॉमन बॉयलर, श्रमिकों के हॉस्टल और आवास (विशेष रूप से महिला श्रमिकों के लिए), स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रशिक्षण और कौशल विकास, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास करना होगा। योजना से संबंधित आरएफपी दस्तावेज और ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को अंतिम रूप देकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति की सिफारिशें उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद को अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी।

10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद

डीबीएफओटी मॉडल के अनुसार मास्टर डेवलपर पार्क के लेआउट, सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर का डिजाइन तैयार करेगा। मास्टर डेवलपर ही पूरे टेक्सटाइल पार्क का निर्माण करेगा, जबकि सरकार द्वारा दी गई सहायता राशि के साथ ही निजी निवेश से परियोजना को गति दी जाएगी। निर्माण के बाद मास्टर डेवलपर पार्क का संचालन और प्रबंधन करेगा, जबकि रियायत अवधि समाप्त होने के बाद पार्क का स्वामित्व और संचालन अधिकार राज्य सरकार और एसपीवी को वापस सौंप दिया जाएगा। केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स मास्टर डेवलपर को कोर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दो चरणों में 500 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। इस क्रम में पीएम मित्र पार्क उत्तर प्रदेश लि. नाम से एसपीवी को कंपनी अधिनियम के तहत अधिनियमित किया जा चुका है।

10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद

वहीं, योगी सरकार इंडस्ट्रियल यूनिट्स को लैंड कॉस्ट सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी, कैपिटल सब्सिडी, इंट्रेस्ट सब्सिडी, पावर सब्सिडी, इंप्लॉयमेंट सब्सिडी और फ्रेट सब्सिडी के रूप में इंसेटिव्स देगी। इस मेगा पार्क में 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। पार्क के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी कोर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा, जिससे संपूर्ण क्षेत्र का औद्योगिक विकास के साथ-साथ निवेश और व्यापार का वातावरण सृजित होगा।

एसपीवी में 51 प्रतिशत शेयर उत्तर प्रदेश सरकार का

पीएम मित्र पार्क के विकास एवं संचालन के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त स्वामित्व वाले स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। इस एसपीवी में 51 प्रतिशत शेयर उत्तर प्रदेश सरकार का होगा एवं शेष 49 प्रतिशत भारत सरकार का। इसके तहत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि पार्क के लिए 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के साथ ही चार लेन सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत आपूर्ति और पानी की आपूर्ति सहित बाह्य बुनियादी ढांचे का विकास करे।

योगी कैबिनेट से मिलेगा अंतिम अनुमोदन

योजना से संबंधित आरएफपी दस्तावेज और ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को अंतिम रूप देकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति की सिफारिशें उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद को अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी। योजना के अंतर्गत मेगा वस्त्र और परिधान पार्क लखनऊ-हरदोई की सीमा स्थित रहमान खेड़ा कृषि फॉर्म की भूमि पर स्थापित किया जा रहा है। पार्क के विकास के लिए चयनित की गई भूमि को एसपीवी को 99 वर्ष की लीज पर प्रति वर्ष प्रति एकड़ एक रुपये की दर से हस्तांतरित किया जा चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा