सुंदरवन का किंगफिशर अब पोस्टकार्ड पर
सांकेतिक तस्वीर


सुंदरवन, 05 जून (हि. स.)। विश्व पर्यावरण दिवस पर सुंदरबन के किंगफिशर को पोस्टकार्ड पर जगह मिली। भारतीय डाक विभाग के सहयोग से गुरुवार दोपहर को 'सुंदरबन के किंगफिशर' पोस्टकार्ड जारी किया गया। सुंदरबन टाइगर प्रोजेक्ट की पहल पर सजनेखाली में पोस्टकार्ड उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्य के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा, राज्य के मुख्य वनपाल (वन्यजीव) देवल रॉय, पश्चिम बंगाल सर्किल के मुख्य डाकपाल अशोक कुमार और सुंदरबन टाइगर प्रोजेक्ट के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

विश्व पर्यावरण दिवस पर सुंदरबन को बचाने का संदेश देने के लिए राज्य वन विभाग ने यह पहल की है। सुंदरबन सिर्फ एक वन क्षेत्र नहीं है, यह चक्रवातों के खिलाफ एक प्राकृतिक किला है और एक महत्वपूर्ण कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषक भी है। सुंदरबन मानव श्वसन के स्रोतों में से एक है। सुंदरबन अनगिनत समुद्री प्रजातियों के साथ-साथ रॉयल बंगाल टाइगर का भी आश्रय स्थल है। हालांकि, इनके अलावा, सुंदरबन के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक में से एक किंगफिशर है।

पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार सुंदरवन में किंगफिशर की अधिकतम आठ से नौ प्रजातियां देखी जा सकती हैं। इसलिए वन विभाग ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सुंदरवन के प्रतीक के रूप में किंगफिशर को महत्व दिया है। देबल रॉय ने कहा कि इस पक्षी की उपस्थिति कई चीजों का संदेश देती है। यह एक जैविक संकेतक है। मैंग्रोव के अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ यह किंगफिशर सुंदरवन में पानी की गुणवत्ता और प्रचुर मात्रा में मछलियों की मौजूदगी का संदेश देता है।

वन मंत्री ने कहा कि सुंदरवन वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बन गया है। यही कारण है कि बाघों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके अलावा, सबसे अधिक किंगफिशर सुंदरवन में देखे जाते हैं। सुंदरवन की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है। अगर सुंदरवन बचेगा, तो हम सब बचेंगे। विश्व पर्यावरण दिवस पर यही हमारा संकल्प हो।

अशोक कुमार ने कहा, हमें खुशी है कि भारतीय डाक विभाग सुंदरवन को बचाने के संदेश को फैलाने में शामिल हो सका है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय