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बीकानेर, 5 जून (हि.स.)। वर्षा जल संरक्षण, परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुत्थान तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से चलाए जाने वाले 15 दिवसीय 'वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान' की गुरुवार को शुरुआत हुई।
शिक्षा सचिव तथा प्रभारी सचिव कृष्ण कुणाल की मौजूदगी में स्वरूपदेसर गांव में आयोजित शुभारंभ समारोह के दौरान ग्रामीणों ने कलश यात्रा निकाली। पीपल पूजन किया। पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। योग के माध्यम से आरोग्यता का संदेश दिया गया और पौधारोपण करते हुए इनकी देखभाल का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने प्रभात रैली निकालकर आमजन को जागरूक होने का संदेश दिया।
प्रभारी सचिव ने अमृत सरोवर का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का प्रयास है कि मरुस्थलीय क्षेत्रों में बरसाती जल का अधिक से अधिक संरक्षण तथा इसका सदुपयोग हो। इसके मध्यनजर यह अभियान प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि अभियान में प्रत्येक नागरिक अपनी भूमिका निभाए और जल संरक्षण के साथ पर्यावरण को बचाने की दिशा में भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी पंद्रह दिवसीय अभियान का सफल आयोजन सुनिश्चित करें। उच्च स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी। इससे पहले प्रभारी सचिव कृष्ण कुणाल ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने ग्रामीणों से जल संरक्षण के संबंध में संवाद भी किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता धीर सिंह गोदारा, विकास अधिकारी साजिया तबस्सुम, सरपंच उदाराम मेघवाल सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाओं व ग्रामीणों ने भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का संचालन जिला परिषद के आईईसी कॉर्डिनेटर गोपाल जोशी ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव