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लखनऊ, 05 जून (हि.स.)। प्लास्टिक प्रदूषण से मिट्टी की उर्वरता घट रही है, जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। जैव विविधता संकट में है और मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आज समुद्र और नदियाँ प्लास्टिक कचरे से बुरी तरह प्रभावित हैं। साथ ही स्तेमाल की हुई प्लास्टिक को जानवर अक्सर खा लिया करते हैं, जो उनकी मौत का कारण बनता है। यह बातें गुरुवार को स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज महानिदेशक प्रो. डॉ. भरत राज सिंह ने कही।
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (एसएमएस) लखनऊ द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ एवं प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. भरत राज सिंह ने पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखने के लिए उपाय सुझाए। उन्हाेंने कहा कि एकल-उपयोग प्लास्टिक का प्रयोग कम करें। पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को प्रोत्साहित करें। पर्यावरण मित्र विकल्प अपनाएं। पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता फैलाएं। नीतियों और नियमों को सख्ती से लागू करें।
कार्यक्रम में सचिव एवं सीईओ शरद सिंह ने भी शिरकत की और छात्रों को पौधरोपण जैसे प्रयासों के माध्यम से वनों की कटाई के दुष्प्रभाव को रोकने तथा प्लास्टिक के पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की खोज करने के लिए प्रेरित किया। इस व्याख्यान में 35 से अधिक शिक्षकाें ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पर्यावरण सुधार हेतु कई प्रश्न व सुझाव साझा किए।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. धर्मेन्द्र सिंह एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. पीके सिंह डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. हेमंत कुमार सिंह डीन इंजीनियरिंग, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. आशा कुलश्रेष्ठ, डॉ. श्रिंखला श्रीवास्तव, उमेश कुमार सिंह, डॉ. पुष्पांजलि सिंह, डॉ. शोभना सिंह एवं सुनीत मिश्रा सहित अन्य शिक्षकगण रहे। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. हेमंत कुमार सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप