गुवाहाटी में ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन के बॉक्सिंग अकादमी का उद्घाटन
गुवाहाटी में ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन के बॉक्सिंग अकादमी का  उद्घाटन


-मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने किया लोकार्पण

गुवाहाटी, 05 जून (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने गुरुवार को उत्तर गुवाहाटी के बारचंद्रा में लोवलीना बोर्गोहेन बॉक्सिंग अकादमी का भव्य उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक पहल न केवल पूर्वोत्तर भारत में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें विश्व स्तरीय मुक्केबाज़ बनाने का सपना भी साकार कर रही है।

यह बॉक्सिंग अकादमी गुवाहाटी की अपनी तरह की पहली पहल है, जो युवाओं को बेहतरीन प्रशिक्षण सुविधाएं, अत्याधुनिक 26×26 साइज की बॉक्सिंग रिंग और पूरी तरह सुसज्जित जिम प्रदान करती है। यह अकादमी न केवल प्रशिक्षुओं को बुनियादी ढांचे से सशक्त करेगी, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार भी करेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा ने लवलीना की सराहना करते हुए कहा, लवलीना ने ओलंपिक में पदक जीतकर असम और भारत को गौरवान्वित किया है। अब वह एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं और इस अकादमी के माध्यम से उन्होंने असम के युवाओं के लिए सुनहरा मंच तैयार किया है। राज्य सरकार अकादमी को 2 करोड़ रुपये की सहायता राशि देगी और हॉस्टल निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण तथा अन्य खर्चों में भी सहयोग करेगी।

लवलीना ने अकादमी की शुरुआत की यात्रा को याद करते हुए बताया, 2024 ओलंपिक के बाद मुझे कुछ समय मिला और 2021 में खरीदी गई जमीन पर मैंने अपने सीमित संसाधनों से एक बुनियादी अकादमी बनाने का फैसला किया। इसमें एक अच्छी बॉक्सिंग रिंग, कुछ पंचिंग बैग और एक जिम की व्यवस्था की गई है जो विद्यार्थियों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध है।

अपने विजन को साझा करते हुए उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि 2028 तक हम ऐसे मुक्केबाज तैयार करें जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें। मैं युवाओं को एक ऐसा मंच देना चाहती हूं, जहाँ वे अपने सपनों को साकार कर सकें।

सभी वर्गों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिल सके, इसके लिए अकादमी में न्यूनतम शुल्क ₹500 प्रतिमाह रखा गया है। इसमें तीन आयु वर्ग बनाए गए हैं: 8 से 12 वर्ष, 13 से 18 वर्ष और 18 वर्ष से अधिक आयु वाले खिलाड़ी।

यह पहल न सिर्फ असम बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है और निश्चित रूप से भारत के खेल भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय