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जबलपुर, 5 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल के द्वारा उड़द व मूंग खरीदी को लेकर जारी बयान कि सरकार उड़द व मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं करेगी। वर्णवाल के जारी बयान के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव व मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। सोसल मीडिया पर किसान सरकार व मुख्यमंत्री मोहन यादव को जमकर कोस रहे हैं। प्रदेश में किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत के महामंत्री प्रहलाद सिंह पटैल ने मीडिया के माध्यम से सरकार के नाम खुला पत्र जारी करते हुये तीखे सवाल पूंछे है। जिनके उत्तर भारतीय किसान संघ ने सार्वजनिक तौर पर किसानों के समक्ष सरकार व मुख्यमंत्री से रखने को कहा है।
प्रमुख सवालों में कुछ बातें ...
1. सरकार की किस लैब की जांच रिपोर्ट में मूंग व उड़द को जहरीला रसायन युक्त बताया गया है। मूंग व उड़द की जांच प्रक्रिया सार्वजनिक करे सरकार।
2. खरपतवार नाशक पेस्टीसाइड किसान धान, गेंहू, चना या अन्य अनाज में भी प्रयोग करता है। क्या इनकी जांच में भी जहरीला रसायन पाया गया है।
3. सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किया वादा 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का कब पूरा करेगी सरकार।
4. सरकार किसानों को डीएपी उपलब्ध करायेगी की नहीं। क्या बिना खाद के ही किसान फसल पैदा करे।
5. सरकार घोषित एमएसपी पर फसल खरीदी करेगी की नहीं। मंडियों में एमएसपी पर खरीदी कब प्रारंभ होगी।
6. क्या सरकार किसानों को परेशान कर जमीन छींनकर उद्योगपतियों को देना चाहती है।
7. किसानों के साथ मंडी में जारी लूट कब बंद होगी।
8. किसान को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य कब मिलेगा।
9. किसान को 10 घंटे थ्री फेस बिजली कब से मिलेगी।
10. हर किसान के खेत पर पानी नहरों से कब तक पहुंचेगा और नहरों की मरम्मत कब होगी।
11. आंध्रा, उड़ीसा राज्यों में खरपतवार नाशक ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध है। मध्यप्रदेश में कब प्रतिबंधित करेगी सरकार।
भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि मूंग उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी न होने के कारण मूंग व उड़द उत्पादक जिलों के किसान नाराज है। इसलिये किसानों की मांग पर भारतीय किसान संघ चरणबद्व आंदोलन की शुरूआत कर रहा है। जिसके तहत किसान संघ के कार्यकर्ता सोमवार को महाकौशल प्रांत की सभी मंडियों में जाकर किसानों से उड़द व मूंग खरीदी न होने से होने वाले नुकसान को लेकर संवाद करेगें। किसानों से सलाह व परामर्श के बाद अगले आंदोलन की घोषणा की जायेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक