पूसीरे ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कॉटन विश्वविद्यालय के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया
গুৱাহাটী - বিশ্ব পৰিবেশ দিৱসৰ দিনা আয়োজন কৰা কাৰ্যসূচীৰ সময়ত এন এফ ৰেলৱেই স্মৃতিগ্ৰন্থ মুকলি কৰাৰ দৃশ্য।


गुवाहाटी, 05 जून (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने गुरुवार काे मालीगांव स्थित रंग भवन में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” वैश्विक थीम के साथ मनाया।

कार्यक्रम की शुरुआत पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे महिला कल्याण संगठन (एनएफआरडब्ल्यूडब्ल्यूओ) की अध्यक्ष शालिनी श्रीवास्तव और पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण पर्यावरण संरक्षण पर सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पूसीरे और कॉटन विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर है।

समारोह में महाप्रबंधक और पूसीरे मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जोन के मंडल रेल प्रबंधकों और अन्य मंडल अधिकारियों ने अपने संबंधित स्थानों से वर्चुअली भाग लिया।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया है कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान पूसीरे का प्रतिनिधित्व मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (पर्यावरण एवं स्वास्थ्य प्रबंधन) एम. कालीमुथु तथा कॉटन विश्वविद्यालय, गुवाहाटी का प्रतिनिधित्व कुलसचिव डॉ. अरिंदम गर्ग ने किया। यह समझौता ज्ञापन जलवायु संरक्षण अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा, वन्यजीव संरक्षण तथा एआई संचालित स्थायी परिवहन समाधान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास की नींव रखता है। यह साझेदारी अकादमिक जगत तथा भारतीय रेलवे के बीच एकीकृत पर्यावरण प्रबंधन तथा नॉलेज-शेयरिंग की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।

कार्यक्रम में दक्षिण पश्चिम रेलवे के सेवानिवृत्त मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अजय सिंह ने अतिथि व्याख्यान दिया, जिन्होंने स्टेशन कैफेटेरिया में प्लास्टिक पैकेजिंग को समाप्त करने संबंधी जानकारी साझा की।

एनएफआर स्काउट्स और गाइड्स द्वारा प्रस्तुत “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” विषय नाटक में फेंकी गई प्लास्टिक बोतलों के हानिकारक जीवन चक्र को दर्शाया गया और दर्शकों से “कम करें, पुनः उपयोग करें, रिसाइकिल करें” को अपनाने का आग्रह किया। समापन भाषण में महाप्रबंधक ने स्थिरता के प्रति पूसीरे के समर्पण की पुष्टि की और नए हरित उपायों की घोषणा की, जिसमें 50 प्रमुख स्टेशनों पर प्लास्टिक संग्रह डिब्बे की स्थापना और रेलवे प्रतीक्षा कक्षों में पुन: प्रयोज्य चाय के कप की शुरूआत शामिल है।

एक लघु फिल्म में पूसीरे द्वारा पानी की प्लास्टिक बोतलों को समाप्त करने, प्रमुख स्थानों पर रिफिल करने योग्य वाटर स्टेशन की स्थापना और खानपान सेवाओं में बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को अपनाने की चल रही पहलों को दिखाया गया। साथ ही पूसीरे द्वारा प्लास्टिक में कमी संबंधी रणनीतियों, रिसाइक्लिंग साझेदारियों और हरित सफलता की कहानियों पर प्रकाश डालने वाली एक पर्यावरणीय पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

कॉटन विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन से लेकर नाटक, व्याख्यान और जमीनी स्तर पर प्लास्टिक कम करने के उपायों तक के इन ठोस प्रयासों के माध्यम से पूसीरे एक स्वच्छ, हरित और अधिक सुदृढ़ भविष्य के निर्माण में अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय