मध्य प्रदेश में पर्यटन के लिए अनुकूल वातावरण: मुख्य सचिव जैन
स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट-2025


भोपाल, 5 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्यटन के लिए अनुकूल वातावरण हैं। प्रदेश में जंगल, जंगली जानवर, पवित्र नदियां हैं, वहीं धार्मिक पर्यटन के लिए महाकाल तथा ओंकारेश्वर दो ज्योतिर्लिंग और अन्य आकर्षक धार्मिक स्थल हैं। प्रदेश में आकर्षक हेरिटेज हैं, कई पुराने अच्छे रजवाड़े हैं, जिन्हे हेरिटेज के रूप में विकसित किया गया हैं। पूरे देश मे यूनेस्को के 62 हेरिटेज धरोहरों में से 18 हेरिटेज मध्य प्रदेश में है। मध्य प्रदेश देश के मध्य होने से यहाँ पहुँचना आसान है।

मुख्य सचिव जैन गुरुवार शाम को उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट-2025 के मुख्य सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने टूरिज़्म बढ़ाने पर जोर दिया हैं। टूरिज़्म बढ़ाने के लिए स्वच्छता सबसे आवश्यक हैं। सबसे स्वच्छ शहर इंदौर मध्य प्रदेश में है। इन्दौर ही नहीं अन्य शहरों में भी स्वच्छता की स्थिति बेहतर है। इन्दौर की स्वच्छता पश्चिमी देशों के समतुल्य हैं। प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के लिए 18 नई पॉलिसीज बनाई हैं और कुछ पुरानी पॉलिसीज हैं। इनमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख रूप से आर्थिक मदद और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में बराबरी का हैं या बेहतर हैं।

उन्होंने कहा कि निवेशकों को प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमतियां एनओसी को सुविधाजनक बनाया गया। प्रदेश में सबसे पहले राइट टू पब्लिक डिलीवरी सिस्टम लागू किया गया,जिसमें निर्धारित अवधि में अनुमतियां जारी होगी। इस अवसर पर भण्डारी ग्रुप के चेयरमैन विनोद भण्डारी ने उज्जैन में बन रहे मेडिकल टूरिज्म पर प्रकाश डाला।

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने मध्य प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं, अवसरों, नीतियों और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने आध्यात्मिक, धार्मिक, प्राकृतिक और वेलनेस पर्यटन में अवसरों पर विशेष प्रकाश डाला।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश में पर्यटकों के आगमन की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019-20 में 8.87 करोड़ से वर्ष 2024-25 में 13.33 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ है। शीर्ष-5 पर्यटक स्थल में से 4 (उज्जैन, मैहर, चित्रकूट और अमरकंटक) धार्मिक शहर हैं। उन्होंने बताया कि निवेश को सहज बनाने के लिए नीतिगत बदलाव किए गए हैं। अब 28-30 अनुमतियों की जगह सिर्फ़ 10 अनुमतियाँ आवश्यक हैं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और समयबद्ध है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर 15 से 30 प्रतिशत सब्सिडी (90 करोड़ की सीमा तक) का प्रावधान है। प्रदेश में 900 हेक्टेयर से अधिक लैंड बैंक उपलब्ध है। साथ ही 100 करोड़ से अधिक के निवेश पर विशेष पैकेज की भी नीति है, जिसमें लैंड अलॉटमेंट के लिए बिडिंग प्रक्रिया से भी छूट शामिल है। उन्होंने गोल्फ अधोसंरचना विकास के लिए प्रावधानों की भी जानकारी दी। उन्होंने विभाग की विभिन्न सुविधाओं का भी विस्तार से उल्लेख किया।

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश भारत की परंपराओं और संस्कृति को आत्मसात करते हुए आधुनिक विकास की तरफ तेज गति से बढ़ रहा है। आध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत मध्य प्रदेश की प्रमुख पहचान है। इसके साथ ही प्राकृतिक संसाधन, वाइल्डलाइफ भी प्रचुर मात्रा में हैं।

उन्होंने बताया कि पैनल सत्र में निवेशकों को स्पिरिचुअल और वेलनेस क्षेत्र की वृहद जानकारी प्रदान कर सहयोग के मॉडल पर मंथन किया गया। साथ ही सिंहस्थ-2028 में विरासत को सहेजते हुए विकास योजना की जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म ग्रोथ (सीएजीआर) भारत के शीर्ष राज्यों में है, जो मध्यप्रदेश को स्पिरिचुअल और वेलनेस क्षेत्र में निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाती है।

कार्यक्रम में कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, प्रमुख सचिव संदीप यादव, प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी चंद्रमौली शुक्ला, भण्डारी ग्रुप के चेयरमैन विनोद भण्डारी सहित बड़ी संख्या में निवेशक मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर