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- उज्जैन में स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट के दौरान पैनल डिस्कशन में निवेशकों से चर्चा
भोपाल, 5 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश की यात्रा ही अपने आप में वेलनेस है। प्रकृति की गोद में बसे मध्य प्रदेश में पचमढ़ी, अमरकंटक जैसे पर्यटन स्थल और विविध वन्य जीव से सुशोभित राष्ट्रीय पार्क और अभ्यारण्य जहां पर्यटकों को सुकून और शांति का अनुभव का अनुभव कराते है। वहीं उज्जैन, मैहर, और ओंकारेश्वर जैसे धार्मिक स्थल पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आध्यात्म और आनंद की अनुभूति कराते है। आगामी समय में मध्यप्रदेश देश का स्पिरिचुअल और वेलनेस हब बनेगा। उक्त बातें प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व और प्रबंध संचालक एमपी टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कही हैं।
दरअसल, प्रमुख सचिव शुक्ला उज्जैन में स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट के दौरान पैनल डिस्कशन में निवेशकों से चर्चा कर रहे थे। आइडियेटिंग द पार्टनरशिप मॉडल विषय पर निवेशकों और हितधारकों ने उज्जैन को आध्यात्मिक और वेलनेस केंद्र के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं और सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में निवेश के अवसरों पर चर्चा की।
प्रमुख सचिव शुक्ला ने निवेशकों को बताया कि किसी की श्रेत्र में निवेश के लिए निवेशकों को 4 सी की आवश्यकता होती है। पहला सी है कनेक्टिविटी जिसमें मध्यप्रदेश देश में सेंट्रली लोकेटेड है और देश का पहला राज्य है जो इंट्रा स्टेट एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है। प्रदेश में आठ एयरपोर्ट संचालित हैं। दूसरा सी है क्लाइमेट, मध्यप्रदेश का मौसम हर पर्यटक को भाता है। तीसरा सी है क्लीन, प्रदेश की राजधानी भोपाल देश की स्वच्छतम राजधानी है। साथ ही इंदौर भी देश का स्वच्छतम शहर बना हुआ है। और आखिरी सी है कैश, प्रदेश की निवेश अनुकूल नीतियां, आकर्षक सब्सिडी और सिंगल विंडो परमिशन आदि निवेशकों के लिए लाभकारी है। यह सभी सी मध्य प्रदेश में है और सभी निवेशक अपनी आवश्यकता और सुविधा अनुरूप निवेश कर सकते है। मध्य प्रदेश शासन अपनी हर कदम पर मदद के लिए हमेशा तैयार है।
इसके पहले, प्रमुख सचिव शुक्ला ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मध्य प्रदेश की प्राकृतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विशेषताओं को निवेशकों को अवगत कराया। इस के साथ ही प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र सिंह ने पैनल डिस्कशन के पहले इंट्रोडक्टरी सेशन में स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट के उद्देश्यों और आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उज्जैन न सिर्फ मध्य प्रदेश का बल्कि देश का आध्यात्मिक केंद्र है।
उन्होंने कहा, यह समिट प्रदेश में वेलनेस पर्यटन और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसका उद्देश्य निवेशकों को आकर्षित कर उज्जैन और पूरे मध्य प्रदेश को एक प्रमुख वेलनेस हब के रूप में स्थापित करना है। इस पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वहीं, कलेक्टर उज्जैन रोशन कुमार सिंह ने सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में प्रस्तावित विकास कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि देश की धार्मिक नगरी का तेजी से विकास किया जा रहा है। सिंहस्थ 2028 के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए हर आवश्यक कार्य किया जा रहे है।
कलेक्टर सिंह ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से शिप्रा नदी को अविरल और प्रवाहमान बनाए रखने की योजना, आवागमन को सुगम और गतिशील बनाए रखने के कार्य, नागरिक सेवाएं विकास कार्य, सांस्कृतिक उन्नयन और विकास कार्य सहित कपिल गौशाला और आईटी पार्क निर्माण के साथ उज्जैन के समग्र विकास की योजना प्रस्तुत की। स्प्रिचुअल हब और वेलनेस सेंटर की स्थापना के लिए उज्जैन में 10 लाख स्क्वायर फीट के रेडी टू मूव प्लॉट्स उपलब्ध हैं। कलेक्टर सिंह ने वेलनेस क्षेत्र के सभी निवेशकों और व्यावसायिक संस्थाओं को उज्जैन में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
इनके अलावा पैनल डिस्कशन में लीजर होटल ग्रुप के डायरेक्टर मुकुंद प्रसाद, योग निसर्ग और वैदिक योग स्कूल के संस्थापक स्वामी चैतन्य हरि, एवीएन ग्रुप के एमडी डॉ. रमेश वारियर, अपोलो आयुर्वेद की लीड स्ट्रेटेजिक प्रोजेक्ट डॉ. मेघा केएल ने अपने विचार रखें। सभी ने प्रदेश में स्पिरिचुअल और वेलनेस टूरिज्म की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। सभी ने निवेशकों और हितधारकों को प्रदेश की निवेश अनुकूल नितियों का लाभ लेकर निवेश के लिए आमंत्रित किया।
सभी ने कहा कि आध्यात्म और वेलनेस के श्रेत्र में मध्यप्रदेश में अपार संभावनाएं है। सुश्री दीपशिखा सिकरवार ने सेशन को मॉडरेट किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में निवेशक, टूर और ट्रैवल ऑपरेटर, होटलियर और हितधारक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी