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मुख्यमंत्री बोले- मध्य प्रदेश देश का वेलनेस मिशन का ग्लोबल इंजन बनने को तत्परभोपाल, 05 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को उज्जैन में “स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट” में वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के निवेशकों से 13 वन-टू-वन बैठकें कीं, जिनमें बुनियादी ज़रूरतों, निवेश समर्थक नीतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई। समिट में 1950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रमुख निवेश प्रस्तावों में भंडारी ग्रुप–984 करोड़ रुपये, अमलतास ग्रुप–400 करोड़ रुपये, सीएचएल हॉस्पिटल ग्रुप–200 करोड़ रुपये, लेटेंट डेवकॉन, लाभम ग्रुप, शथायू आयुर्वेद, रॉयल ऑर्किड, शांतिगिरी आश्रम, जिंदल ग्रुप सहित अन्य निवेशकों के प्रस्ताव शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हील इंडिया और ‘लाइफ स्टाइल’ (एलआईएफई) जैसे दूरदर्शी विचारों से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश को समग्र जीवनशैली और वेलनेस नवाचार का ग्लोबल सेंटर बनाया जा रहा है। समिट के माध्यम से प्रदेश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने को पूरी तरह तैयार है। उन्होंने समिट को एक परिवर्तनकारी पहल बताया और कहा कि यहां नीति, निवेश, अध्यात्म और समाज कल्याण का संगम हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश अब भारत के वेलनेस मिशन का ग्लोबल इंजन बनने को तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा एक ही दिन होने का सुखद संयोग हुआ है। इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का प्रदेश में पुनः शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश में पांच करोड़ पौधे रोपे गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए तेजी से काम कर रही है। धार्मिक स्थानों पर सभी चिकित्सा पद्धतियों के बड़े केन्द्र बनाने के पीछे आशय यही है कि दुनिया भर के लोगों को स्वास्थ्य के साथ अध्यात्म भी प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि पिछले साल सभी संभागीय मुख्यालयों पर हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हुए ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जहां 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले वहां 21 लाख 75 हजार रोजगार सृजन होने की संभावना भी है। उन्होंने कहा कि हमने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है और लगातार सेक्टर वार समिट का आयोजन किया जा रहा है। मंदसौर और नरसिंहपुर में एग्री समिट के अलावा इंदौर में आईटी समिट के अच्छे परिणाम आए हैं।
उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने प्रदेश को तेज गति से आगे बढ़ने वाले राज्यों में अग्रणी माना है। मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली के साथ उत्कृष्ट अधोसंरचना और नई नीतियों के चलते निवेशकों ने यहां का रूख किया है। उन्होंने एमएसएमई सहित अन्य उद्योग को घोषित नीति अनुसार 5000 करोड़ रुपये का अनुदान दिये जाने का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश स्पष्ट नीति, सक्षम प्रशासन और मजबूत नेतृत्व के साथ निवेशकों को स्थायित्व और सफलता की गारंटी देता है। उन्होंने सभी वेलनेस उद्यमियों और संस्थाओं से प्रदेश में निवेश करने और उज्जैन से शुरुआत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश आएं, और भारत को विश्वगुरु बनाने की यात्रा में भागीदार बनें।”
समिट में एनआईपीआर अहमदाबाद और एमपीआईडीसी के बीच समझौता हुआ, जिसके अंतर्गत उज्जैन मेडिकल डिवाइस पार्क को तकनीकी और शैक्षणिक सहायता प्राप्त होगी। यह पार्क टेस्टिंग और प्रमाणीकरण हब के रूप में विकसित किया जाएगा। समिट में शिवंदरसिंह संस्थापक एराहॉस्पिटैलिटी, मुकुंदप्रसाद डायरेक्टर लीजरहोटल्सग्रुप, अशोक पटेल चेयरमेन ट्रैवलपैक, शरदथडानी एमडी मेफ़ेयरट्रैवल्स एवं सुधीर एमवी सीएओ जिंदल नेचुरोकेयर इंस्टिट्यूट द्वारा निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
समिट में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आध्यात्मिक संबोधन दिया और उज्जैन में केंद्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को आशय पत्र (एलओआई) सौंपा। लीज़र होटल्स, शतायु आयुर्वेद और भंडारी ग्रुप के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश को वेलनेस निवेश के लिए उपयुक्त गंतव्य बताया।
पैनल चर्चा में तैयार हुआ विज़न रोडमैप-
समिट में दो पैनल सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिंहस्थ आधारित मेडिकल टूरिज्म, रोज़गार सृजन, और कौशल विकास जैसे विषयों पर विचार हुआ। मुख्य सत्र में वेलनेस विज़निंग में प्रदेश का समग्र रोडमैप प्रस्तुत किया गया।----------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर