कम लागत में मशरूम उत्पादन का मॉडल प्रस्तुत किया एमजीयूजी के छात्र ने
कम लागत में मशरूम उत्पादन का मॉडल प्रस्तुत किया एमजीयूजी के छात्र ने*


कम लागत में मशरूम उत्पादन का मॉडल प्रस्तुत किया एमजीयूजी के छात्र ने*


गोरखपुर, 5 जून (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के कृषि संकाय में स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र अमित कुमार चौधरी ने विश्वविद्यालय परिसर में कम लागत में ऑयस्टर मशरूम का सफलतापूर्वक उत्पादन कर अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया है। यह कार्य उन्होंने अपनी प्रयोगात्मक परियोजना के अंतर्गत कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दुबे एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. विकास कुमार यादव के मार्गदर्शन में किया।

सीमित संसाधनों में उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ मशरूम उत्पादन कर अमित कुमार चौधरी ने यह सिद्ध किया है कि कम लागत में भी लाभकारी एवं व्यावसायिक कृषि संभव है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कृषि अपशिष्ट, जैसे गेहूं की भूसी और पराली का उपयोग कर पर्यावरणीय सजगता का भी परिचय दिया। कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दुबे और सहायक प्राध्यापक डॉ. विकास कुमार यादव ने कहा है कि इस नवाचारी प्रयास से विद्यार्थियों में उद्यमिता, नवाचार और व्यावहारिक दक्षता को प्रोत्साहन मिलेगा तथा वे परंपरागत कृषि से आगे सोचने के लिए प्रेरित होंगे। यह कार्य न केवल शिक्षण प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समृद्ध करता है, बल्कि विश्वविद्यालय की नवाचार-प्रेरित दृष्टि को भी सुदृढ़ करता है।

एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरेंद्र सिंह ने छात्र अमित कुमार चौधरी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे नवोन्मेषी कार्य विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर करते हैं तथा विद्यार्थियों को शोध, नवाचार और स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने अमित कुमार चौधरी को उनके इस सराहनीय कार्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी और यह अपेक्षा व्यक्त की है कि अन्य विद्यार्थी भी इस प्रेरणास्पद उदाहरण से प्रेरणा लेकर ‘नई सोच, नई खेती’ के लक्ष्य को साकार करेंगे। अधिष्ठाता स्टार्टअप डॉ. पुरोहित ने इसे व्यावसायिक स्तर शुरू करने की योजना बनाने का प्रस्ताव कृषि संकाय के समक्ष रखा है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय