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नई दिल्ली, 5 जून (हि.स.)। दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) के माध्यम से उपभोग्य वस्तुओं, उपकरणों और दवाओं को खरीदने का निर्देश दिया है।
बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक अब सरकारी अस्पतालों को अनिवार्य ई-खरीद प्रक्रिया चिकित्सा उपकरणों, किसी भी अन्य उपभोग्य वस्तु, मशीनरी और उपकरण की सभी खरीद केवल ई-खरीद प्रक्रिया के माध्यम करने का कहा गया है। अस्पतालों द्वारा सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर सीधे खरीद वर्जित है। सभी मांग और बोली प्रक्रिया केवल केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) द्वारा संभाली जाएगी। कोई भी अस्पताल या संस्थान सीधे खरीद या बोली शुरू करने के लिए अधिकृत नहीं है।
इस फैसले के तहत अब डॉक्टरों को अस्पतालों की खरीद और सप्लाई चेन से जुड़े कार्यों में शामिल नहीं होना पड़ेगा। इससे वे मरीजों को अधिक समय और बेहतर ध्यान दे सकेंगे। यह ऐतिहासिक निर्णय दिल्ली सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को मरीज केंद्रित और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार का मानना है कि डॉक्टरों और चिकित्सा स्टॉफ का मुख्य कार्य मरीजों की देखभाल है और उन्हें गैर-चिकित्सकीय कार्यों में व्यस्त रखना संसाधनों की बर्बादी है।
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि अब सभी अस्पतालों की खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) को सौंप दी गई है। यह एजेंसी 1994 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य अस्पतालों के लिए एक समान, गुणवत्ता-आधारित और पारदर्शी खरीद प्रणाली सुनिश्चित करना था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संतुष्टि और देखभाल की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। साथ ही यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है। यह बदलाव केवल एक नीति परिवर्तन नहीं, बल्कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यवस्थित सुधार की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव