गुरुग्राम: इंस्पेक्टरी राज के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी हुई टैक्स बार एसोसिएशन
गुरुग्राम में पत्रकारों से बात करते हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट नवीन गुप्ता, साथ में जिला टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव वत्स, मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन व अन्य पदाधिकारी।


-गुरुग्राम में हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन, जिला बार एसोसिएशन ने मानव आवाज संस्था ने की सांझा पत्रकार वार्ता

-टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर्स को प्रोपर ऑफिसर बनाने का खुलकर किया विरोध

गुरुग्राम, 5 जून (हि.स.)। प्रदेश व जिला के टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर गुरुवार को हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन, जिला टैक्स बार एसोसिएशन और मानव आवाज संस्था ने आवाज उठाई। यहां एक होटल में गुरुवार को पत्रकार वार्ता में एसोसिएशनों की ओर से एक स्वर में टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग सरकार से की गई।पत्रकार वार्ता में हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट नवीन गुप्ता ने कहा कि टैक्सेशन विभाग में नियमों की अनदेखी करके इंस्पेक्टर्स को प्रोपर ऑफिसर बनाकर शक्तियां सौंपना नियमों के विरुद्ध है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है। व्यापारियों के लिए कई परेशानियां खड़ी हुई हैं। एडवोकेट नवीन गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि इंस्पेक्टर से प्रोपर ऑफिसर के पद को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। इससे भ्रष्टाचार अधिक फैल रहा है। उन्होंने कहा कि एसटीबीए ने विभाग में बैठे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खूब आवाज उठाई है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए कि आखिर किस तरह से इंस्पेक्टर्स को प्रोपर ऑफिसर बनाने का निर्णय किसने लिया। राजीव वत्स ने कहा कि जब जीएसटी एक्ट में ही इंस्पेक्टर्स को ऐसी कोई पावर नहीं दी गई है, लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा करके इंस्पेक्टरी राज को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि ये इंस्पेक्टर व्यापारियों से गैर जरूरी कागजों की मांग करते हैं। व्यापारियों के काम अटकाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी नहीं हो रही, बल्कि सरकार को भी राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी पैसा खर्च करके भी परेशान ले रहे हैं। व्यापारियों को जीएसटी देने के लिए फायर सेफ्टी एनओसी, फूड एनओसी, पॉल्यूशन कंट्रोल एनओसी, म्यूनिसिपल कारपोरेशन एनओसी, व्यक्तिगत बचत खाता, फर्म के निदेशक की प्रॉपर्टी ऑनरशिप की जानकारी, रेंट एग्रीमेंट की मांग की जा रही है। पैसा खर्च करके भी व्यापारी नुकसान ही झेल रहे हैं।

वैट के 30 हजार करोड़ की वसूली पर नहीं होती बात: अभय जैन

मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने पत्रकार वार्ता में जीएसटी नंबर के लिए नियमों के नाम पर जो पेंच लगाया जाता है, वह नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 30 हजार करोड़ रुपये वैट के पेंडिंग हैं, उनकी वसूली करने की बजाय प्रोपर ऑफिसर कोई कदम नहीं उठा रहे। वहां मिलीभगत से मामले को पेंडिंग में ही रखा जा रहा है। एक जुलाई 2017 से 30 हजार करोड़ रुपये वैट के रूप में पेंडिंग होने पर कोई काम नहीं किया जा रहा।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर