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भागलपुर, 5 जून (हि.स.)। गंगा दशहरा के मौके पर गुरुवार को जिले के सुल्तानगंज अजगैबीनाथ गंगा तट श्रद्धालुओ से गुलजार हो उठा। अहले सुबह से ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने सुलतानगंज के पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने आम, केला, लीची, नारियल, फूल, बेलपत्र, मिठाई, अक्षत, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से मां गंगा की पूजा अर्चना कर गंगा तट पर पंडित पुरोहितों व गरीब जरूरतमंद लोगों के बीच अन्न वस्त्र और द्रव्य दान कर अपने परिवार की खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी।
मान्यता है की गंगा दशहरा के मौके पर गंगा स्नान करने से देवता खुश होते हैं और लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इसी दिन भागीरथी अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे। तभी से गंगा दशहरा के मौके पर गंगा की पूजा अर्चना और आस्था की डुबकी लगाने की परंपरा चली आ रही है। सुल्तानगंज में अजगैबीनाथ गंगा घाट और नमामि गंगे घाट पर श्रद्धालुओं के सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ जवान की तैनाती की गई है और इनके द्वारा गंगा नदी में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.। हालांकि नगर परिषद की ओर से इस वर्ष गंगा में बांस ब्रैकेटिंग या कोई सांकेतिक बोर्ड नहीं लगाई गई है। जिसके कारण श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर गंगा स्नान करने को मजबूर हैं।
स्थानीय पंडित संजीव झा ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मानसिक शांति मिलने के साथ-साथ जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इसलिए श्रद्धालु अपने परिवार की खुशहाली के लिए गंगा स्नान कर मां गंगा की पूजा अर्चना करते है। आज के दिन ही मां गंगा धरती पर आई थी जिसके बाद गंगा क्षेत्र की धरती उपजाऊ हुई और क्षेत्र में हरियाली आई जिससे जनजीवन आगे बढ़ा।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर