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चतरा, 5 जून (हि.स.)। नमामि गंगे योजना के तहत विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर जिले के सिमरिया प्रखंड के बेलगडा स्थित पौराणिक फल्गु नदी का उद्गम स्थल में गुरुवार को उपायुक्त कीर्तिश्री की अध्यक्षता में निरंजना नदी के संरक्षण के लिए जन जागरूकता कार्यकम चलाया गया।
उपायुक्त के नेतृत्त्व में वरीय अधिकारियों, जन प्रतिनिधि और ग्रामीणों की उपस्थिति में स्वच्छता कार्यकम को लेकर श्रमदान, प्रभात फेरी, वृक्षारोपन, संकल्प सभा एवं अन्य कार्यकम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि फल्गु नदी पौराणिक नदी है। ऐसे में इसका संरक्षण के लिए सभी की पहल जरूरी है। उन्होंने फल्गु नदी के तट पर कल्पतरु का पौधा भी लगाया। उपायुक्त सहित वरीय अधिकारियों ने यहां वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही आम लोगों को भी पर्यावरण के संरक्षण और हरा भरा रखने के लिए अपील की।
उपायुक्त ने यहां पेड़ पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि यह पौराणिक फल्गु नदी जिले के कई प्रखंडों से होकर गुजरती है। इसके संरक्षण के लिए नमामि गंगे परियोजना चलाया जा रहा है। उन्होंने इस परिसर में पौधारोपण के लिए वन विभाग को निर्देशित किया।
वहीं सिमरिया प्रखंड के बेलगडा में फल्गु (निरंजना) नदी की उद्गम स्थल से बेलगडा चौक तक प्रभात फेरी कार्यक्रम का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आमजनों की ओर से श्रमदान किया गया। उपायुक्त ने कहा कि हम सभी यहां दो अत्यंत महत्वपूर्ण अवसरों को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा। यह सिर्फ एक संयोग नहीं बल्कि हमें प्रकृति और संस्कृति के गहरे संबंध को समझाने वाला संदेश है। स्वस्थ पर्यावरण ही मानव जीवन की आधारशिला है। यदि पर्यावरण संकट में है, तो मानवता भी संकट में है। इस वर्ष की थीम हमें धरती को पुनर्जीवित करने, सूखे से लड़ने और जैवविविधता की रक्षा की प्रेरणा देती है। हम सभी मिलकर नदियों, वनों, वायु और मृदा की रक्षा के लिए आगे आयें। हमें प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनानी होगी।
वृक्षारोपण को सिर्फ प्रतीक नहीं, अभियान बनाना होगा। गंगा सहित सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हर नागरिक एक पर्यावरण प्रहरी बने। हर घर, हर मोहल्ला, हर गांव और हर शहर एक हरित प्रयास का केंद्र बने। मां गंगा का संरक्षण केवल एक आस्था नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक और पारिस्थितिक जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को पर्यावरण व नदी के संरक्षण के संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में वन विभाग की पशु-पक्षियों की गणना से संबंधित प्रकाशित पत्रिका का विमोचन किया गया। साथ ही उपस्थित लोगों के बीच जूट का थैला और लकड़ी का घौसला का वितरण किया। उद्गम स्थल के आसपास पौधारोपण और स्थल के आसपास के तालाबों का गहरी करण और मरम्मती निर्देश उपायुक्त ने संबंधित लोगों को दिए।
इस मौके पर डीडीसी अमरेंद्र कुमार सिंहा, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी मुकेश कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरी राहुल मीणा, जिला परिषद अध्यक्ष ममता कुमारी, अपर समाहर्ता अरविंद कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सिमरिया सन्नी राज, जिला योजना पदाधिकारी शिशिर पंडित, बीडीओ चंद्रदेव प्रसाद, सीओ, बीपीओ राजेश्वर समेत कई पदाधिकारी, कर्मी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी