नगर निगम की अनदेखी से पार्को में लगी कंपोस्ट मशीनें हो रही कबाड़
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जयपुर, 5 जून (हि.स.)। नगर निगम 5 जून को पर्यावरण दिवस धूमधाम से मना रहा है, लेकिन पर्यावरण के प्रति कितना सजग है, इसका अंदाजा शहर के पार्को में लगी कंपोस्ट मशीनों की हालत से लगा सकते है। पार्को में निगम ने पेड़-पौधों के पत्तों के साथ अन्य कचरें से जैविक खाद बनाने के लिए कंपोस्ट मशीने लगाई थी जो कि देखभाल के अभाव में कबाड़ हो रही है। विशेष बात यह है कि नगर निगम ने कई मशीनों को लगाने के बाद चलाकर देखा तक नहीं। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निगम की ओर से किए गए लाखों रुपए वेस्ट हो गए। इस पूरे प्रकरण को लेकर ग्रेटर निगम उपायुक्त उद्यान नेहा मिश्रा से सम्पर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

जयपुर नगर निगम प्रशासन ने 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान जैविक खाद बनाने के लिए कंपोस्ट मशीनों को लगाया था। लेकिन देख रेख की अभाव में और प्रशासन की लापरवाही के कारण मशीनें अब कबाड़ हो रही हैं। ऑपरेशन और मेंटेनेंस के अभाव में 60 लाख रुपए की लागत से शहर के 70 पार्कों में लगी मशीनें महज टीन के डिब्बे बनकर रह गए हैं। जयपुर में ग्रेटर और हेरिटज निगम के अधीन करीब 1020 पार्क है। इसमें से 850 पार्क ग्रेटर निगम के पास है। निगम ने राजापार्क, तिलक नगर, मानसरोवर, सी स्कीम जैसे पॉश इलाकों के 70 पार्क में कंपोस्ट मशीन लगाई थी। इन मशीनों से खाद बनाना तो दूर इनमें से कुछ को शुरू भी नहीं किया गया। आलम ये है कि कई पार्कों से तो मशीनें चोरी तक हो गई। कुछ जगह मशीनों की मोटर, तो कहीं तार चोरी हो गए। नगर निगम प्रशासन की देख रेख के अभाव में फिलहाल ये मशीनें टीन के डिब्बे से ज्यादा और कुछ नहीं।

नगर निगम प्रशासन ने साल 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान फूल-पत्तियों से जैविक खाद बनाने के लिए मशीनें खरीदी थी। 70 पार्कों में करीब 60 लाख रुपए की लागत मशीने से लगाने के साथ पार्को में टीन शेड भी लगवाए के साथ खाद को तैयार करने के लिए सीमेंट के हौद भी बनाए गए थे। मशीन सहित इस पूरे स्ट्रक्चर को तैयार करने में करीब डेढ़ लाख रुपए प्रति पार्क निगम की ओर से खर्च किए गए थे। मशीने लगाने के बाद निगम प्रशासन ने न तो ऑपरेशन और न ही मेंटेनेंस का टेंडर किया। जिसकी वजह से अब इन मशीनों का स्विच तक ऑन नहीं होता, और धीरे-धीरे ये मशीनें कबाड़ बनती जा रही हैं। कुछ महीने पहले पार्कों में बागवान और दूसरे स्टाफ की हड़ताल के दौरान मानसरोवर और आसपास के इलाके के पार्कों से मशीन और उसके पुर्जे तक चोरी हो गए। यदि समय रहते निगम प्रशासन इन मशीनों को नहीं संभालता तो, बाकी मशीनें भी खराब होना तय है

हैरिटेज निगम स्वयं सहायता समूह के सहयोग से पार्को मे जैविक खाद बनाने का काम कर रहा है। यहां पर पार्कों में पेड़ के पत्तों से खाद तैयार हो रहा है। आदर्श नगर के शहीद भगत सिंह पार्क, कल्पना चावला पार्क और शास्त्री नगर में राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित पार्क में जैविक खाद तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पूरी प्रकिया से खाद तैयार कर रही है। प्रत्येक पार्क में दस—दस महिलाओं का समूह काम कर रहा है। तीनों पार्क में अब तक करीब 2 टन के करीब खाद तैयार की जा चुकी है। सबसे पहले महिलाएं पार्क में गिरी पेड़ की पत्तियों को एकत्र करती हैं और आस पास के पार्कों से भी पत्तियां लेकर आती हैं। अन्य कचरे को पत्तियों से निकलकर साफ किया जाता है।

शेडर मशीन से जैविक प्रक्रिया से खाद को तैयार किया जाता है। इसमें कैमिकल की जगह दही, बेसन आदि विधि अनुसार मिलाया जाता है। इसके बाद तेज धूप में सुखाया जाता है। फिर दोबारा छानकर पैकिंग कराई जाती है। खाद को बनाने में करीब 25 से 25 दिन का समय लगता है। पूरी तरह से जैविक प्रक्रिया अपनाई जाती है।

हेरिटेज निगम के आयुक्त अरुण कुमार हसीजा ने इस संबंध में बताया कि हमारे यहां तो मशीनों से खाद तैयार किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर जरुर दो से तीन माह से मशीने बंद पड़ी है, लेकिन वे सभी चालू अवस्था है। पौंड्रिक उद्यान में लगी मशीन भी चालू है, लेकिन अभी खाद नहीं बनाई जा रही है। जहां मशीने बंद या कबाड़ हो रही, उनकी मैं जानकारी करवाता हूं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश