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जोधपुर, 05 जून (हि.स.)। राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसले में उपभोक्ता को राहत देते हुए फर्नीचर निर्माता कंपनी को खराब फर्नीचर देने पर भुगतान राशि लौटाने के साथ ही हर्जाना देने का आदेश दिया है। यह मामला उपभोक्ता मनोज रहडू की ओर से मैनहटन फर्नीचर्स (द सोफा मेकर एलएलपी) के खिलाफ दायर शिकायत से जुड़ा है, जिसमें खराब गुणवत्ता वाले सोफे की आपूर्ति और अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाया गया था।
दरअसल बासनी सरस्वती नगर निवासी मनोज रहडू ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने 17 अक्टूबर 2017 को मैनहटन फर्नीचर्स से सोफा-कम-बेड खरीदा था। कंपनी ने विज्ञापन में जिस गुणवत्ता और सुविधाओं का दावा किया था, वह सोफे में नहीं मिली। सोफा बनाने में प्रयुक्त सामग्री घटिया थी। हैंडरेस्ट, कुशन और अन्य वादे किए गए फीचर्स भी नहीं थे। इसके अलावा सोफे के उपयोग से उपभोक्ता को शारीरिक और मानसिक परेशानी भी हुई। परिवाद पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (द्वितीय) जोधपुर के पीठासीन अध्यक्ष डॉ. श्यामसुंदर लाटा और सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास ने अपने आदेश में माना कि कंपनी द्वारा उपभोक्ता को घटिया गुणवत्ता का सोफा-कम-बेड दिया गया, जिससे उपभोक्ता को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति हुई। आयोग ने कंपनी को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता को दो माह के भीतर सोफे की कीमत 46 हजार 800 रुपए, मानसिक क्षति के लिए एक लाख रुपए और मुकदमे का खर्च पांच हजार रुपए अदा करें। यदि भुगतान समय पर नहीं किया गया तो वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
कंपनी ने की राज्य आयोग में अपील
फर्नीचर कंपनी ने जिला उपभोक्ता आयोग के फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर में अपील की। राज्य आयोग के अध्यक्ष जस्टिस देवेंद्र कच्छवाहा और सदस्य लियाकत अली ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला आयोग के फैसले को सही ठहराया और अपील खारिज कर दी। आयोग ने स्पष्ट किया कि अपील में देरी और गुण-दोष दोनों के आधार पर जिला आयोग का आदेश बरकरार रहेगा। साथ ही दोनों पक्षों को अपने-अपने खर्च वहन करने के निर्देश दिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश