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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की बड़ी घोषणाएंप्राकृतिक व जैविक खेती के उपज के उचित मूल्य निर्धारण के लिए गठित होगी समितिब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए प्रति किसान 20 हजार रुपये की राशि की जाएगी प्रदानहिसार, 5 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि प्राकृतिक खेती तथा जैविक खेती से उत्पादित गेहूं, धान, दालों आदि उत्पादों के लिए प्राकृतिक तथा जैविक मंडी की स्थापना गुरुग्राम में की जाएगी। साथ ही, प्राकृतिक तथा जैविक खेती से उत्पादित फल, सब्जियों के लिए हिसार में भी प्राकृतिक खेती तथा जैविक मंडी की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, प्राकृतिक तथा जैविक खेती के उपज के उचित मूल्य निर्धारण के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा।मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुवार को यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित प्राकृतिक खेती सम्मेलन को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्राकृतिक खेती से प्राप्त उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए प्रति किसान 20 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती की उपज की जांच के लिए प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी। ये प्रयोगशालाएं किसानों की फसल की निशुल्क जांच करेंगी।मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि खंड पूंडरी, जिला कैथल में कृषि विभाग की 53 एकड़ भूमि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को नीलामी के आधार पर पट्टे पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में पंचायती भूमि में से 10 प्रतिशत भूमि या कम से कम एक एकड़ भूमि प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित की जाएगी। यह भूमि केवल भूमिहीन किसानों को नीलामी के माध्यम से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी और पंचायती जमीन पर जो भी किसान प्राकृतिक खेती करेगा, उन किसानों को भी प्राकृतिक खेती योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में कच्चे माल के भंडारण और संस्करण के लिये चार ड्रम की खरीद के लिए तीन हजार रुपये प्रति किसान दिया जाएगा। एक देसी गाय की खरीद पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।नायब सिंह सैनी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरी दुनिया के लोग वायु, जल व मिट्टी के संरक्षण का संकल्प ले रहे हैं और इन्हें हर प्रकार से प्रदूषण मुक्त करने के उपाय पर विचार कर रहे हैं। इस समय प्राकृतिक खेती इन सभी समस्याओं का समाधान है। प्राकृतिक खेती न केवल हरियाणा की कृषि को नई दिशा देगी, बल्कि पूरे देश के लिए यह प्रेरणा का एक स्रोत पर बनेगी। उन्होंने कहा कि आज जब हम खाद्यानों के मामले में आत्मनिर्भर तो हैं लेकिन इसके लिए हमें बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर