पुण्यतिथि पर महंत हरिशंकर शरण काे अर्पित किया श्रद्धासुमन
पुण्यतिथि पर महंत हरिशंकर शरण काे अर्पित किया श्रद्धासुमन


अयोध्या, 5 जून (हि.स.)। अयोध्या धाम की सुप्रसिद्ध पीठ श्रीराघवेंद्र भवन नाेनहटिया, कनीगंज के साकेतवासी श्रीमहंत हरिशंकर शरण महाराज काे संताें ने शिद्दत से याद किया। माैका उनकी सातवीं पुण्यतिथि महाेत्सव का रहा। जाे मठ में निष्ठापूर्वक मनाई गई। पुण्यतिथि महाेत्सव पर गुरुवार को मंदिर में श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई, जिसमें अयोध्याधाम के विशिष्ट संत-महंत, धर्माचार्यों ने पूर्वाचार्य श्रीमहंत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। संताें ने उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला।

इस अवसर पर राघवेंद्र भवन के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत शिवराम शरण ने बताया कि उनके गुरुदेव श्रीमहंत हरिशंकर शरण महाराज की सातवीं पुण्यतिथि आश्रम में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। पुण्यतिथि पर अयाेध्यानगरी के समस्त संत-महंत, धर्माचार्य सम्मिलित हुए। जिन्हाेंने पूर्वाचार्य काे श्रद्धासुमन अर्पित किया। महाराज श्री अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत रहे। जाे गाै एवं संत सेवी हाेने के साथ-साथ भजन-साधना में तल्लीन रहा करते थे। उनकी गणना भजनानंदी संत के रूप में हाेती थी। उनके अंदर संतत्व के सारे गुण रहे। वह व्यवहार कुशल संत थे। इसी कारण रामनगरी के सभी संत-महंत उनका आदरपूर्वक सम्मान करते रहे। उन्होंने आश्रम का सर्वांगीण विकास किया। आजीवन मठ की उत्तराेत्तर समृद्धि में लगे रहे। मंदिर में गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचार रूप से चल रही है। जहां सभी उत्सव, समैया, त्याैहार आदि परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुगण मंदिर के उत्सव में शामिल हाेकर पुण्य के भागीदार बनते हैं। गुरुदेव ने सेवा काे ही अपना धर्म माना और उसी काे अंगीकार किया। अपने शिष्य-अनुयायी, परिकराें काे भी सेवा कार्य के लिए प्रेरित किया। उन्हें सेवा का पाठ पढ़ाया। गुरुदेव की यश-कीर्ति सदैव हम सबके साथ रहेगी। पुण्यतिथि पर काफी संख्या में संत-महंत, भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया। महंत शिवराम शरण महाराज ने पधारे हुए संत-महंतों का स्वागत-सत्कार कर भेंट, विदाई दी। इस अवसर पर राजेंद्र निवास के महंत मुनि दास, रघुननंदन कुंज के महंत अजय दास, महाविरक्त आश्रम महंत माधव दास रामायणी, समथर मंदिर के महंत रामरसिक शरण, महंत राममंगल दास रामायणी, महंत भरत दास शास्त्री, नागा रामलखन दास, महंत रामलाेचन शरण, विद्याभूषण शरण, महंत रामशरण दास, विष्णु दास आदि संत-महंत, भक्तजन माैजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय