केंद्र सरकार का वक़्फ़ उम्मीद पोर्टल गैरकानूनी और अदालत की अवमानना
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड


- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शीघ्र ही अदालत का रुख करेगा

नई दिल्ली, 05 जून (हि.स.)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने केंद्र सरकार के 6 जून से शुरू हो रहे 'वक़्फ़ उम्मीद पोर्टल' को गैरकानूनी और अदालत की अवमानना बताया है।उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस सरकारी कदम के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार क एक बयान में कहा कि संसद से पास कराया गया वक्फ कानून इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सभी मुस्लिम संगठनों ने इसे खारिज कर दिया है। विपक्षी दलों, मानवाधिकार संगठनों, साथ ही सिख, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों ने भी इसे अस्वीकार्य करार दिया है। अफसोस की बात है कि इसके बावजूद सरकार 6 जून से 'वक़्फ़ उम्मीद पोर्टल' की शुरुआत कर रही है और इसमें वक़्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण को अनिवार्य बना रही है। यह पूरी तरह से सरकार की गैरकानूनी कार्रवाई है और स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनुसार यह पंजीकरण पूरी तरह उस विवादास्पद कानून पर आधारित है, जिसे न्यायालय में चुनौती दी गई है और जिसे संविधान के विरुद्ध बताया गया है। इसलिए मुस्लिम समुदाय एवं राज्य वक़्फ़ बोर्डों से अपील है कि जब तक न्यायालय इस संबंध में कोई निर्णय नहीं देता, तब तक वक़्फ़ संपत्तियों को इस पोर्टल पर दर्ज न किया जाए। साथ ही वक़्फ़ बोर्ड के मुतवल्लियों से आग्रह किया गया है कि वे एक ज्ञापन देकर यह मांग रखें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तक ऐसी किसी भी कार्रवाई से परहेज़ किया जाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शीघ्र ही इस सरकारी कदम के खिलाफ न्यायालय का रुख करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार मोहम्मद ओवैस

हिन्दुस्थान समाचार / Abdul Wahid