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बांकुड़ा, 04 जून (हि. स.)। राज्य नगर उन्नयन संस्था (सूडा) के सर्वे में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा पाए जाने की खबर के बाद बांकुड़ा नगरपालिका सक्रिय हो गई है। चेयरमैन खुद जमे हुए पानी को निकालने के लिए मैदान उतर गई। हालांकि भाजपा ने इसे 'ड्रामा' बताया। जिले के राजनीतिक हलकों में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई है। बुधवार को बांकुड़ा की चेयरमैन खुद रुके जमे पानी को निकालने के लिए घर-घर पहुंचीं। इलाके के भाजपा नेता देबाशीष दत्ता ने नगरपालिका की इस पहल को ड्रामा करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले, बांकुड़ा नगर पालिका के वार्ड नंबर 19 में डेंगू ने महामारी का रूप ले लिया था। बांकुड़ा नगर पालिका और जिला स्वास्थ्य विभाग को डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। तब से, बांकुड़ा नगर पालिका ने हर साल मानसून से पहले डेंगू को नियंत्रित करने की विशेष तैयारी करता है। इस साल, मानसून की शुरुआत से पहले, सूडा ने बांकुड़ा नगर पालिका क्षेत्र में डेंगू पर एक सर्वेक्षण शुरू किया था। विभिन्न क्षेत्रों से स्थिर पानी और स्थिर पानी में मच्छरों के लार्वा के नमूने एकत्र किए गए और परीक्षण के लिए भेजे गए थे। हाल ही में, सूडा ने बांकुड़ा नगर पालिका को एक रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बांकुड़ा के वार्ड नंबर 20 के चटपुकुर इलाके में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा की मौजूदगी का उल्लेख किया गया है।
शहर के वार्ड 10 और 15 में पहले ही डेंगू के दो मरीज मिल चुके हैं। उसके बाद बांकुड़ा नगर पालिका ने कार्रवाई की है। बुधवार सुबह बांकुड़ा की चेयरमैन अलका सेन मजूमदार अपनी टीम के साथ वार्ड 20 के चटपुकुर इलाके में गईं। उन्होंने घर-घर जाकर जमा पानी को खुद ही बाहर निकाला। नगर पालिका ने लावारिस टायर और अनुपयोगी कंटेनरों को जब्त कर लिया।
मेयर का दावा है कि मानसून से पहले डेंगू के संक्रमण पर काबू पाने के लिए नगर पालिका हर तरह से तैयार है। इसीलिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि भाजपा का कहना है कि नगर पालिका को मानसून से काफी पहले ही उपाय कर लेने चाहिए थे। लेकिन ऐसा करने के बजाय नगर पालिका अब इलाके में अभियान के नाम पर नाटक कर रही है। यह सब दिखावे के लिए किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय