स्कूली वाहनों में सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो, हर वाहन में हो फायर डिटेक्शन सिस्टमः कलेक्टर
अंतरविभागीय समन्वय बैठक


ग्वालियर, 4 जून (हि.स.)। स्कूली वाहनों में सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो। हर स्कूली बस में एआईएस मापदण्डों के अनुरूप फायर डिटेक्शन सिस्टम अनिवार्यत: होना चाहिए। स्कूली वाहनों की फिटनेस ठीक न होने के कारण जिन 74 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन वाहनों को तभी चलाने की अनुमति दें, जब वे सुरक्षा मानकों के सभी मापदण्डों का पूरी तरह पालन कर लें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने बुधवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को दिए। बैठक में विकसित कृषि संकल्प अभियान, समग्र ई-केवायसी, जल गंगा संवर्धन अभियान, एक पेड़ माँ के नाम, विश्व योग दिवस की तैयारी, ई-ऑफिस प्रणाली एवं सीएम हैल्पलाइन सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा भी की गई।

कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने यह भी कहा कि ऐसी स्कूली बसें जिनके बारे में संबंधित स्कूलों द्वारा यह बताया गया है कि यह वाहन अब उपयोग में नहीं है। ऐसे वाहनों को आरटीओ ऑफिस में समर्पित कराकर उनका वाहन लायसेंस निरस्त कराएं। यदि ऐसे वाहन कहीं चलते पाए जाएं तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा वाहन चालकों को भी स्पष्ट तौर पर ताकीद कर दें कि यदि बगैर फिटनेस वाले वाहन चलाते मिले तो उनके ड्रायविंग लायसेंस निरस्त किए जायेंगे।

कलेक्टर ने वाहनों की फिटनेस जारी करने वाले केन्द्रों पर सुरक्षा मानकों से संबंधित चैक लिस्ट भेजने के निर्देश भी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिए कि किसी भी स्कूल में बगैर परमिट, बगैर फिटनेस व बगैर सुरक्षा मानकों के कोई भी बस न चले। इस संबंध में स्कूल संचालकों को आगाह करने के साथ-साथ पालकों को भी सचेत किया जाए।

उन्होंने सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों का जीवन बचाने के लिये गोल्डन अवर में अस्पताल तक पहुँचाने वाले सेवाभावी लोगों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के लिये शुरू की गई राहवीर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी बल दिया। उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि इस योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुँचाने वाले लोगों से भरवाए जाने वाले फॉर्म सभी अस्पतालों में पहुँचाए जाएं। बैठक में अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टीएन सिंह, जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

आंतरी व बिलौआ सीएमओ का 7 – 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश

समग्र ई-केवायसी के काम में बिलौआ व आंतरी नगर परिषदों में ढ़िलाई सामने आने पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने नाराजगी जताई। उन्होंने इन दोनों नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों का 7 – 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इस काम को सर्वोच्च प्राथमिकता पर करें, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप पात्र परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

विकसित कृषि संकल्प अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन हो

कलेक्टर ने विशेष जोर देकर कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकसित कृषि संकल्प अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन करें। अभियान के तहत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में अधिकाधिक ग्रामीणों की भागीदारी हो और उन्हें योजनाओं का लाभ मिले। इसके लिये पहले से ही शिविर की तिथि का प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा गाँव-गाँव में सॉइल हैल्थ कार्ड व किसान क्रेडि कार्ड बनाने का काम प्राथमिकता से हो। साथ ही किसानों को जैविक खेती के बारे में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए। जिले के सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में इस अभियान की मॉनीटरिंग करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। बैठक में बताया गया कि जिले के सभी विकासखंडों में अब तक 69 ग्राम पंचायतों में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से 3583 किसानों को लाभान्वित कराया जा चुका है।

ई-ऑफिस प्रणाली से ही भेजें फाइलें

कलेक्टर ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने में ग्वालियर जिला प्रदेश के 10 अग्रणी जिलों में शुमार है। सभी विभागों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वे अपने दफ्तर में ई-ऑफिस प्रणाली से ही फाइलों को आगे बढ़ाएं। कलेक्ट्रेट में भी ई-फाइल ही भेजें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वयं विभिन्न विभागों के दफ्तरों में जाकर निरीक्षण करेंगीं। यदि इस दौरान ई-ऑफिस के बजाय कागजों की फाइलें आगे बढ़ती पाई गईं तो कार्यालय प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

जल संरचनाओं के कामों में भुगतान में देरी न हो

जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान ने डबरा व भितरवार क्षेत्र में आशा के अनुरूप प्रगति न पाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने डबरा जनपद पंचायत के सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी एसडीएम से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत निर्माणाधीन नई व पुरानी जल संरचनाओं के कार्यों में तेजी लाएं।

कलेक्टर ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत होने जा रहे जिले की कार्ययोजना की समीक्षा भी बैठक में की। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यालय परिसर में उपलब्ध स्थान पर अभी से गड्डे खुदवाकर वृक्षारोपण के लिये तैयार करें। उन्होंने सभी विभागों से वृक्षारोपण की कार्ययोजना भी मांगी है।

कलेक्टर ने विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित रचनात्मक व प्रेरणादायी पहल करने के लिये भी सभी अधिकारियों से कहा। उन्होंने कहा कि इस दिन दफ्तर आने-जाने एवं अन्य शासकीय कामकाज के लिये अधिकारी पूल वाहन का इस्तेमाल कर उदाहरण पेश कर सकते हैं। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। कलेक्टर ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जिले के सभी विकासखंडों व शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित करने के लिये कहा।

कलेक्टर ने सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा के दौरान सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी शिकायत बगैर अटेण्ड किए आगे न बढ़े। साथ ही संतुष्टिपूर्ण निराकरण बढ़ाएं। अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि जिन विभागों के रैंक 15 से नीचे है, उनकी अलग से समीक्षा की जायेगी। यदि पेंडेंसी नहीं सुधरी तो सख्त कार्रवाई भी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर