नागदा: युवा मुनि ने लव जिहाद मामले में माता-पिता को सतर्क रहने की दी सीख
फोटो- मुनिसदभाव सागर महाराज


नागदा, 4 जून (हि.स.)। इंजीनियर से संत बने युवा जैन मुनि सदभाव सागर महाराज का कहना है कि माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को यह बताए कि प्रेमजाल अभियान के छलावा से कितनों का जीवन बर्बाद हो चुका है। ऐसी स्थिति में माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। बच्चों को इस बुराई से बचने के लिए सतर्क भी रहें।

जैन मुनि ने उज्जैन जिले के नागदा में हिंदुस्थान समाचार संवाददाता से एक साक्षात्कार में एक सवाल पर यह बात कही।

शिक्षा बी.ई (इलेक्ट्रानिक) के बाद नौकरी को छोड़कर संत बने मुनि यहां अल्प प्रवास पर पहुंचे थे। दिगम्बर जैन मंदिर में लगभग 30 मिनट के इंटरव्यू में उनसे जब यह पूछा कि इन दिनों देश में लव जिहाद का मामला सुर्खियों में है। इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने इसके कारण और नियंत्रण पर भी अपना मत प्रकट किया। वे बोले इस प्रकार के अभियान में फसने का मुख्य कारण अज्ञानता है। ऐसी स्थिति में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चों को इस प्रकार के अभियान से अवगत कराना होगा। इस सवाल पर धारा प्रवाह बोलते हुए युवा मुनि ने कहा कि हमारा धर्म आपस में एक दूसरे से वात्सल्य रखने का पक्षधर है, लेकिन वासना रखने का नहीं। वासना से वंशीभूत होकर लोग इस प्रकार का कदम उठाते हैं। जिनकी बुद्धि मोहित हो चुकी है वे अपने परिवार, समाज, देश एवं कुल की चिंता नहीं करते हुए इस प्रकार के अभियान में अज्ञानता से फस जाते हैं।

उन्‍होंने यह भी कहा लेकिन घार्मिक दष्टिकोण वाले बच्चें इस प्रकार के छलावे में नहीं आते है। इस बुराई पर रोक लगाने के लिए संत ने माता-पिता को सीख दी है कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दे।

अपनी बात के पक्ष में एक उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार से देश की सुरक्षा पर अधिक धन खर्च करने का प्रावधान होता है उसी प्रकार से माता-पिता बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे। वे बोले, माता-पिता बच्चों के चाल-चलन, संगति पर ध्यान केद्रित करें। विशेष तौर पर मोबाइल पर कि किससे और कब बात कर रहे हैं। इस बारे में पूरी जानकारी रखे। माता-पिता को चाहिए कि इस प्रकार के दुष्परिणाम से बच्चो को अवगत कराए कि इस प्रकार के छलावे से कितनों का जीवन बर्बाद हो चुका है। उनके टूकड़े-टूकड़े हो चुके है। उन्हे प्रताड़ित किया जाता है। अनिष्ट खाने के लिए बाध्य किया जाता है।

बागेश्वरधाम को पूर्वजन्म का पुण्य बागेश्वर धाम अर्थात घीरेंद्रशास्त्री के बारे में जैन मुनि को यह बताया गया कि उनके सामने लोगों की भीड़ के साथ कई राजनेता भी वहां जा रहे है इस बारे में मत जाना तो वे बोले कि लोग उनके पास समाधान प्राप्ति के लिए जाते हैं। यश और कीर्ति जिसका उदय होता है, उसकी प्रसिद्धी चारो औेर फैलती है। उन पर यह पूर्व जन्म का प्रभाव है। पूर्व जन्म मे कोई पूण्य कार्य किया होगा। उसका प्रभाव सामने आ रहा है।

भारत-पाक तनाव देश की राजनीति की दिशा और भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में पूछे गए सवाल पर संत का कहना था कि राजनेताओं ने अपना पराकृम दिखाया और किसी का जब देश पर आक्रमण हुआ तो उसके जवाब में उठाया गया कदम उचित है।

गौरतलब है कि राजस्थान में जन्में लगभग 39 वर्षीय मुनि सद्रभाव सागर ने लौकिक शिक्षा बीई इलेक्ट्रॉनिक उतीर्ण की है। उन्होंने 6 अक्टूबर 2017 को इंदौर में दीक्षा गुरू श्रमणाचार्य 108 पूज्य विशुद्धसागर से ली।

हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश सनोलिया