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जयपुर, 4 जून (हि.स.)। जयपुर पुलिस की ओर से एक आदेश जारी किया गया है कि विभिन्न सेल्यूलर मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के रिटेलर्स व सब रिटेलर्स और दुकानदारों को बिना ग्राहक की वैध पहचान और पते का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किये बिना सिम कार्ड,सेल्यूलर मोबाइल फोन कनेक्शन नहीं दिए जाएं। साथ ही इस आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 में उपबंधित प्रावधानों के तहत दंडनीय अभियोग चलाया जा सकता है।
इस संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था)जयपुर डॉ. रामेश्वर सिंह की ओर से जयपुर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अन्तर्गत पाबंदी आदेश जारी किये गये हैं। इन आदेशों में यह कहा गया है कि विभिन्न सेल्यूलर मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के रिटेलर्स एंव सब-रिटेलर्स द्वारा दूसरों के नाम से व छद्म नाम के कूटरचित पहचान-पत्रो के आधार पर भी बिना भौतिक सत्यापन के मोबाईल कनेक्शन व सिम कार्ड जारी किये जा रहे है। इन कंपनियों से समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी व आतंकवादी तत्वों द्वारा अपने आपराधिक मंसूबों की पूर्ति के लिए कनेक्शन व सिम कार्ड प्राप्त कर इनका प्रयोग अवांछित कार्याे व अपराधियों में करने की आसूचना ये भी प्राप्त हुई है। कूटरचित पहचान-पत्रो के आधार पर दूसरों के नाम से व छद्म नाम जारी सेल्यूलर मोबाइल फोन कनेक्शन व सिम का प्रयोग आतंकवादी वारदातो को अंजाम देने में भी किये जाने की पूर्ण संभावना है।
इसे देखते हुए ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अन्तर्गत विभिन्न सेल्यूलर मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के रिटेलर्स एवं सब-रिटेल एवं ऐसे दूसरे सभी दुकानदारों को पाबंद किया गया है कि ग्राहक को वैध पहचान तथा पते का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किये बिना कोई सेल्यूलर मोबाइल फोन कनेक्शन व सिम कार्ड जारी नही करेगें। रिटेलर्स, सब रिटेलर्स एंव ऐसे दुकानदार द्वारा बेची गई सिम कार्ड की कंपनी का नाम आई.डी. नम्बर सहित सिम कार्ड के क्रेता का पूर्ण विवरण नाम पिता का नाम पूर्ण स्थाई व वर्तमान पता बेसिक फोन नम्बर पूर्व में प्रयोग किये जा रहे सेल्यूलर मोबाइल फोन कनेक्शन नंबर तथा सिम जारी करने के लिये प्राप्त दस्तावेजों की पूर्ण सूचना रखेगें। समस्त सेल्यूलर मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियां अपना सेल्यूलर मोबाईल फार्म नम्बर व सिम जारी करने का रिकॉर्ड हमेशा के लिये तथा रिटेल व सब रिटेल एवं दुकानदार प्रीपेड-पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन की बिक्री की दैनिक सूचना रजिस्टर में संधारित कर पांच साल तक उक्त रिकॉर्ड को सुरक्षित रखेंगे तथा जांच एजेंसी द्वारा मांगने पर उक्त रिकार्ड को अविलंब उपलब्ध करवायेगे।
इस आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 में उपबंधित प्रावधानों के तहत दंडनीय अभियोग चलाया जा सकेगा। यह आदेश पांच जून 2025 से चार अगस्त 2025 तक या इससे पूर्व निरस्त किये जाने पर उस दिनांक तक प्रभावी रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश