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जसधारी गोरां धाय की जयंती मनाई : छह खम्भों की छतरी पर पुष्पांजलि अर्पित की
जोधपुर, 04 जून (हि.स.)। मुगल बादशाह के हमले से शिशु महाराजा अजीतसिंह को बचाकर लाने वाली बलिदानी जसधारी गोरां धाय की जयंती बुधवार को हाईकोर्ट रोड स्थित उनकी छतरी पर मनाई गई। यहां माली समाज और अन्य वर्गों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी शहादत को नमन किया।
गोरांधाय की छतरी पर नगर निगम उत्तर की महापौर कुंती परिहार व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ माली समाज के लोगों ने शहीद नारी की शहादत को नमन किया। इस दौरान छतरी के आसपास सफाई भी की गई और इस छतरी के जीर्णोद्वार की प्रक्रिया के बारे में भी मौके पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर सैनिक क्षत्रिय माली सांस्कृतिक संवर्धन एवं इतिहास शोध संस्थान की ओर से आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में गोरां धाय के बलिदान को याद किया गया। संस्थान अध्यक्ष आनंद सिंह परिहार ने बताया कि इस अवसर पर सर्वसमाज के विभिन्न संस्थाएं एवं संगठनों ने पुष्पांजलि अर्पित कर गोरां धाय टाक के त्याग को नमन किया। सैनिक क्षत्रिय माली नारी शक्ति ने त्याग एवं बलिदानी केसरिया परिधान में स्वामीभक्त गोरां धाय टाक अमर रहे के नारों के साथ पुष्पांजलि अर्पित की।
उल्लेखनीय है कि शिशु महाराजा अजीतसिंह को मुगल बादशाह के शिकंजे से निकालकर लाने वाली महा बलिदानी गोरां धाय पत्नी मनोहर गहलोत की स्मृति में इस छतरी और बावड़ी का निर्माण करवाया गया था। सन 1712 में महाराजा अजितसिंह ने गोरां धाय के बलिदान और उनकी स्मृति में छह खम्भों की एक छतरी का निर्माण करवाया। ताकि आने वाली पीढियां उनके बलिदान और स्वामिभक्ति के बारे में स्मरण करते रहें।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश