Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
राज्य में 214 श्रवण बाधित बच्चों की सरकार ने कराई कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी
शल्य चिकित्सा अनुदान योजना दिव्यांगजनों के लिए बनी उम्मीद की नई किरण
लखनऊ, 4 जून (हि.स.)। योगी सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और कल्याण के लिए संचालित शल्य चिकित्सा अनुदान योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के तहत दिव्यांगता निवारण के लिए योगी सरकार कॉर्निया प्लास्टी, पोस्टपोलियो करेक्शन सर्जरी और आर्थोसिस जैसी 21 प्रकार की शल्य चिकित्साओं के लिए अधिकतम दस हजार रुपये
का अनुदान दे रही है। इसके अलावा, कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए प्रति लाभार्थी 6 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12.84 करोड़ रुपये से 214 दिव्यांग बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लांट कराया गया है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र क्श्यप ने बताया कि भविष्य में इस योजना के विस्तार और अधिक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि ज्याद से ज्यादा दिव्यांगजन सरकार की इस योजना से लाभान्वित हों। इससे राज्य में समावेशी विकास को नई गति मिलेगी। उन्हाेंने कहा कि उत्तर प्रदेश को दिव्यांग कल्याण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में यह एक मील का पत्थर है।
दरअसल, योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। शल्य चिकित्सा अनुदान योजना न केवल आर्थिक सहायता दे रही है, बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का अवसर भी दे रही है। कॉक्लियर इम्प्लांट जैसी जटिल सर्जरी से श्रवण बाधित बच्चों को सुनने की क्षमता प्राप्त हो रही है, जिससे उनकी शिक्षा और सामाजिक जीवन में नई संभावनाएं खुल रही हैं। इसी तरह, कॉर्निया प्लास्टी और पोस्टपोलियो सर्जरी जैसी चिकित्साएं दृष्टि और गतिशीलता में सुधार लाकर दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण को अपनी सरकार की प्राथमिकता में रखा है। उनके निर्देशों के अनुरूप, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। वित्तीय सहायता के साथ-साथ, योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान और सर्जरी की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया गया है। यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए वरदान साबित हो रही है, जो उच्च लागत वाली सर्जरी का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं। इस योजना के तहत हर जिले में लाभार्थियों का चिह्नांकन कर रही है। अब तक 63 जनपदों के 214 बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लांट करवा कर उनके परिवारों को खुशियां दी हैं। राज्य सरकार की यह पहल ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार कर रही है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा