बीएचयू ट्रामा सेंटर प्रभारी के खिलाफ छात्राें ने खोला मोर्चा
बीएचयू ट्रामा सेंटर प्रभारी के खिलाफ छात्राें ने खोला मोर्चा


वाराणसी,04 जून (हि,स,)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में अनियमितता और प्रभारी आचार्य प्रोफेसर सौरभ सिंह की कार्य प्रणाली को लेकर वरिष्ठ छात्र नेता मुखर है। बुधवार अपरान्ह गोलघर मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता डॉ मृत्युंजय तिवारी 'आजाद,' छात्र परिषद के पूर्व सदस्य अभिषेक सिंह एवं अभय सिंह 'मिक्कू' ने ट्रामा सेंटर प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए।

छात्र नेताओं ने कहा कि प्रभारी डॉक्टर सौरभ सिंह ने ट्रामा सेंटर को अपनी व्यक्तिगत जागीर बना लिया है। इसी मानसिकता से ग्रस्त होकर उन्होंने विगत दिनों चिकित्सक शिक्षकों के साथ बदसलूकी करायी। आरोप लगाया कि ट्रामा सेंटर में कार्यरत बाउंसर को डॉ सौरभ सिंह अपने व्यक्तिगत लठैत की तरह उपयोग करते हैं। भर्ती मरीजों, उनके तीमारदारों, शिक्षकों, छात्रों को हड़काना-धमकाना इनका शगल है।

छात्र नेताओं ने कहा कि यदि समग्रता में सोचा जाए तो मात्र एक आदमी की कारस्तानी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट ट्रॉमा सेंटर लोगों की पीड़ा दूर करने के बजाय एक यातना गृह बन गया है। छात्र नेताओं ने कहा कि ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि करोड़ों रुपये सरकारी धन से खरीद कर आने वाले दवा के साथ मुफ्त इलाज का दावा करने वाले इस ट्रामा सेंटर में मामूली उपचार में भी लोगों को अपना खेत बेचकर लाखों रुपये इलाज पर खर्च करना पड़ रहा है। ऑर्थोपेडिक इंप्लांट के नाम पर मरीज़ों से लाखों रुपये की वसूली करने की दृष्टि से ट्रामा सेंटर में एकाधिकार की व्यवस्था को प्रभारी ने जानबूझकर लागू किया है।

छात्र नेताओं ने कहा कि ट्रामा सेंटर में नियुक्त बाउंसर का पुलिस वैरीफिकेशन भी नहीं कराया गया है। उनमें से कई आपराधिक मनोवृत्ति के हैं। जिसके कारण आए दिन अध्यापक, चिकित्सक, छात्र, मरीज तथा उनके तीमारदार काे जलालत झेलनी पड़ती है। चिकित्सक शिक्षक को पिछले दिनों इन्हीं अपराधिक प्रवृत्ति के बाउंसरों ने उच्चाधिकारी के इशारे पर बेइज्जत किया। छात्र नेताओं ने विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुधीर जैन पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने ट्रामा सेंटर प्रभारी का वैधानिक पद बनाया, जो वर्ष 2018 कार्यकारिणी परिषद के द्वारा बनाए गए एक्ट का उल्लंघन है।

उन्हाेंने कहा कि नियमानुसार ट्रामा सेंटर का संचालन चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक गर्वनिंग बॉडी के अध्यक्ष को करना होता है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के किसी भी एक्ट या अधिनियम में प्रोफेसर प्रभारी जैसा कोई वैधानिक पद नहीं है। ट्रामा सेंटर तथा सरसुंदर लाल चिकित्सालय की कार्य पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम किसी भी तरह के माफिया गठजोड़ को महामना मदन मोहन मालवीय के प्रांगण में नहीं पनपने देंगे।

छात्र नेताओं ने मांग की कि विगत दशकों में जेल में बंद माफियाओं से धन लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर ऐशगाह प्रदान करने वाले डॉक्टरों की व्यक्तिगत संपत्ति तथा उनके भू-संपत्ति की जांच करायी जाए। आम मरीजों के हित का गला घोंटने वाली तथा माफियाओं को वीआईपी इलाज देने वाली इस व्यवस्था को बदलने के लिए हमारा यह संघर्ष चल रहा है। ट्रामा सेंटर में जैम पोर्टल के माध्यम से 10 रुपये के साबुन को 50 रुपये में तथा दाे रुपये के डिस्पोजेबल इंजेक्शन को 50 रुपये में खरीदने का खुलासा सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के देख रेख में प्रोफेसर पी एस त्रिपाठी तथा यू एस उपाध्याय कमेटी के जांच में पाया गया है। उस कमेटी के रिपोर्ट को कुलपति सुधीर जैन ने दबा दिया था। उसे सार्वजनिक कराकर दंड सुनिश्चित करने के लिए हम संकल्प लेते हैं। छात्र नेताओं ने ट्रामा सेंटर की हालत सुधारने के लिए 10 सूत्रीय मांगों को भी रखा। उन्हाेंने कहा कि ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय को मरीज मित्रवत बनाने के लिए सबसे पहले बाउंसर को हटाकर उनकी जगह शांति सैनिक नियुक्त किया जाए।

छात्रों की अन्य मांगें

- अवैधानिक ट्रामा सेंटर प्रभारी का पद समाप्त कर समस्त अधिकार निदेशक चिकित्सा विज्ञान संस्थान को सौंपा जाए।

- 26 मई को चिकित्सक शिक्षकों के अपमान की निष्पक्ष जांच के लिए डॉक्टर सौरभ सिंह को बर्खास्त कर कार्य मुक्त किया जाए।

- प्राइवेट पैथोलॉजी की व्यवस्था बंद कर बी एच यू के पैथोलॉजी विभाग से ही पुरानी व्यवस्था की तरह सभी रक्त, मल-मूत्र, सीरम की जांच की सुविधा बहाल की जाए।

- ब्लड बैंक को चौपट करने वाले तथा सर सुंदरलाल चिकित्सालय को प्रशासनिक गुंडागर्दी का केंद्र बनाने वाले के के गुप्ता को चिकित्सा अधीक्षक पद से पद मुक्त किया जाए। निजी हाथों में अस्पताल को सौंप कर घोटालों का केंद्र बनाने की प्रक्रिया बंद की जाए।

- मुफ्त इलाज के केंद्र सरकार के आयुष्मान योजना में अनावश्यक बाधा उत्पन्न करने वाली सरसुंदर लाल चिकित्सालय तथा ट्रामा सेंटर की प्रशासनिक व्यवस्था बदली जाये। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखी जाये।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी