प्लास्टिक के उपयोग का स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
डा.सूर्यकांत


बढ़ जाता है कैंसर का जोखिम: डॉ. सूर्यकान्त

लखनऊ, 4 जून (हि.स.)। प्लास्टिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है लेकिन इससे होने वाला प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है। इससे न केवल पर्यावरण प्रभावित होता है बल्कि स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्लास्टिक का उपयोग बंद करें। यह जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, आर्गेनाइजेशन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड नेचर(ओशन) और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने दी।

डा. सूर्यकांत ने बताया कि प्लास्टिक के उत्पाद कम वजन, कम लागत और आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए आज के समय में सभी जगह इस्तेमाल किये जा रहे हैं। प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से संशोधित प्राकृतिक चीजों जैसे प्राकृतिक रबर,नाइट्रोसेल्यूलोज कोलेजन ,गेलाईट आदि से विकसित हुआ है। प्लास्टिक का बैग बहुत हल्का होने के बावजूद अपने से कई गुना अधिक वजन उठा सकता है इसलिए यह बहुत उपयोगी होता है। प्लास्टिक तब तक जहरीली गैस और पदार्थ रिलीज करता रहता है जब तक यह विघटित नहीं हो जाता है जिसके कारण भूमि की उर्वरक क्षमता खत्म हो सकती है और यदि फसल पैदा भी होती है तो उसमें विषैले पदार्थ होते हैं जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं ।

प्लास्टिक से बढ़ जाता है कैंसर का जोखिमडा. सूर्यकांत ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि “प्लास्टिक से हार्मोनल असंतुलन , कैंसर और अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों पर इसका गंभीर असर देखने को मिलता है। समय से पहले बच्चे का जन्म, मृत बच्चे का जन्म, जन्मजात प्रजनन अंगों में दोष , तंत्रिका सम्बन्धी कमजोरी, फेफड़ों के विकास में बाधा और बचपन में कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

डा. सूर्य कान्त ने कहा कि हम अपने जीवन में कुछ आदतें सुधार कर इतनी सुंदर धरती को बचा सकते हैं । धरती हमारी माँ है और हम इसकी संतान हैं । प्लास्टिक का उपयोग बंद करें। घर से बाजार जाते समय कपड़े का झोला लेकर जाएँ। प्लास्टिक के बजाय कपड़े, पेपर से बने उत्पादों आदि का उपयोग करें । प्लास्टिक को न कहें और विकल्पों को बढ़ावा दें |

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन