छोटे चाय किसानों के लिए बनेगा एफपीओ, राज्य सरकार तय करेगी हरी पत्ती का दाम
जनता भवन में उद्योग, वाणिज्य एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग के मंत्री बिमल बोरा भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के निदेशक ईश्वर चन्नाबसप्पा पूजार से मुलाकात के दौरान।


-पहले चरण में डिब्रूगढ़ से होगी शुरुआत

गुवाहाटी, 04 जून (हि.स.)। असम सरकार ने छोटे चाय किसानों की समस्याओं को दूर करने और उन्हें संगठित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 500-500 किसानों को मिलाकर कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) गठित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य किसानों को हरी चाय पत्तियों की उचित कीमत दिलाना और चाय की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।

इसी क्रम में आज गुवाहाटी स्थित जनता भवन में उद्योग, वाणिज्य एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग के मंत्री बिमल बोरा ने भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के निदेशक ईश्वर चन्नाबसप्पा पूजार से मुलाकात की। बैठक में असम चाय निदेशालय के निदेशक अहेडुज ज़मान सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एफपीओ को मिलने वाली सहायता और उनके संचालन की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री बोरा ने बताया कि असम में फिलहाल 1,22,415 छोटे चाय किसान हैं, और हर 500 किसानों पर एक एफपीओ के गठन की योजना है।

पहले चरण में डिब्रूगढ़ जिले में ग्राम सभा के माध्यम से एफपीओ गठित किए जाएंगे। इन संगठनों के माध्यम से न केवल हरी पत्तियों की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि उनके दाम भी तय किए जा सकेंगे। साथ ही, चाय की गुणवत्ता के मूल्यांकन में भी एफपीओ की अहम भूमिका रहेगी।

आईआईई आने वाले दिनों में एफपीओ के सदस्यों को इस दिशा में प्रशिक्षण भी देगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत हर एफपीओ को 20 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है।

माना जा रहा है कि एफपीओ के गठन से छोटे चाय किसानों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान संभव होगा। इस संदर्भ में कल आईआईई, भारतीय चाय बोर्ड, असम चाय निदेशालय, असम औद्योगिक विकास निगम और उद्योग विभाग के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक भी प्रस्तावित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश