ऊर्जा संरक्षण के साथ पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिए रेलवे भी उठा रहा सकारात्मक कदम
ऊर्जा संरक्षण के साथ पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिए रेलवे भी लगातार सकारात्मक कदम उठा रहा


जयपुर, 4 जून (हि.स.)। पर्यावरण संरक्षण का उत्तरदायित्व आज व्यक्ति विशेष का न होकर सभी का हो गया है ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सके। ऊर्जा संरक्षण के साथ पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिए रेलवे भी लगातार सकारात्मक कदम उठा रहा है, जिसमें परम्परागत संसाधनों के स्थान पर पर्यावरण अनूकुल स्त्रोतो का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे अपने प्रयासों को गति प्रदान कर प्रदूषण रहित पर्यावरण की मुहिम को बढाने के साथ-साथ राजस्व की भी बचत कर रहा है।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर विगत समय में सौर ऊर्जा पर काफी कार्य किए गए है। इस रेलवे पर कुल 15.7 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल स्थापित किये गये है। इनसे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लगभग 12 करोड के राजस्व की बचत भी प्रतिवर्ष हो रही है। हरित ऊर्जा की पहल के अन्तर्गत जयपुर, अजमेर तथा जोधपुर स्टेशनों पर उच्च क्षमता के सोलर पैनल स्थापित कर ऊर्जा प्राप्त की जा रही है। इसके साथ ही जैसलमेर में 26 मेगावाट का विण्ड-मिल भी कार्य कर रहा हैं, इस ऊर्जा संयंत्र से प्रतिवर्ष लगभग 73 एमयू ऊर्जा उत्पादित हो रही है।

रेलवे के सीपीआरओ शशिकिरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे में स्टेशनों के पुनर्विकास के कार्य प्रगति पर है। स्टेशन पुनर्विकास में पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उपयोग के लिए उच्च क्षमता के सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन करना प्रस्तावित किया गया है। स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित व्यवस्थाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी।

बिजली की बचत के लिये इस रेलवे पर ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया जा रहा हैं। ऊर्जा दक्ष उपकरणों में रेलवे द्वारा एलईडी आधारित उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग किया जा रहा है। स्टेशनों पर एलईडी लाइट, बोर्ड, हाई मास्ट टावर इत्यादि लगाए गए है। एलईडी आधारित उपकरणों से प्रकाश की क्वालिटी बेहतर प्राप्त होती है साथ ही इनसे बिजली की भी बचत होती है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर 100 प्रतिशत एलईडी लाइटो का उपयोग किया जा रहा है और इस रेलवे पर लगभग 2 लाख एलईडी फीटिग्स को रेलवे कार्यालयों, स्टेशनों, भवनों, रेलवे क्वार्टरों इत्यादि में लगाया गया है तथा इससे प्रतिवर्ष लगभग 103 लाख यूनिट बचत की जा रही है।

गाडियों की धुलाई में उपयोग किए गए पानी के पुनः उपयोग हेतु जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हिसार, अजमेर तथा बाड़मेर स्टेशनों पर स्थापित वाटर रि-साइकिल प्लांट द्वारा पानी की बचत की जा रही है। इसी प्रकार जोधपुर, मेडता रोड, मदार, बीकानेर, हिसार, बाडमेर, लालगढ, उदयपुर व श्रीगंगानगर में ऑटोमैटिक कोच वाशिंग संयंत्र द्वारा पानी की बचत की जा रही है। इसके अतिरिक्त बारिश के पानी को सहज कर पुनः उपयोग के लिए 163 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट उपलब्ध है तथा आगामी समय में अन्य स्थानों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदुषण को नियंत्रित करने के किये गये कार्यों को मद्देनजर रखते हुये स्टेट पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा 33 स्टेशनों को सर्टिफिकेट (consent to operate) जारी किये गये है। उत्तर पश्चिम रेलवे के पर्यावरण संरक्षण के लिये किये कार्यों हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे के संस्थानों/बिल्डिंग्स को आईजीबीसी द्वारा ग्रीन रेटिंग प्रदान की गई है।

रेलवे स्टेशनों और कोचिंग डिपों को साफ सुथरा बनाए रखने तथा स्वच्छता को सुदृढ़ करने के लिए 38 रेलवे स्टेशनों और कोचिंग डिपों में मैकेनाइज्ड़ क्लीनिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इसके साथ ही जयपुर में 400 व जोधपुर में 300 किलो लीटर प्रति दिन क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है। बीकानर, सूरतगढ़, मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय-अजमेर व मण्डल चिकित्सालय-अजमेर, बीकानेर तथा प्रधान कार्यालय-जयपुर में 50 किलो लीटर प्रति दिन और मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय-जयपुर व जोधपुर कारखाना में 15 किलो लीटर प्रति दिन क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है।

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तर पश्चिम रेलवे पर जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर प्लास्टिक प्रदूषण और वेस्ट मैनेजमेंट विषय पर सेमीनार का आयोजन किया जायेगा। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य पर्यावरण इंजीनियर, राजस्थान स्टेट पोल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण व कचरा प्रबन्धन पर विस्तृत चर्चा की जायेगी।

पर्यावरण दिवस पर उत्तर पश्चिम रेलवे के मंडलों और यूनिटो में भी जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही स्टेशनों पर भी कार्यक्रम आयोजित कर रेल यात्रियों की सहभागिता सुनिश्चित कर उनको भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग करने के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आमजन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए स्काउट व गाइड द्वारा जगतपुरा और मुख्यालय में जागरूकता रैली निकाली जाएगी व नुक्कड़ नाटक का मंचन किया जाएंगा।

रेलवे का प्रयास है कि पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के लिये यथासंभव कार्य किये जाये और पर्यावरण अनूकुल स्त्रोतो का अधिकाधिक उपयोग किया जाये।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव