Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली/मुंबई, 04 जून (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को मुंबई में आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकता है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक मुंबई में शुरू हो गई है। छह सदस्यीय समिति गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हो रही बैठक के निर्णय की घोषणा शुक्रवार, 6 जून को करेगी। एक्सपर्ट कहा कहना है कि आरबीआई लगातार तीसरी बार नीतिगत ब्याज दरों रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। इसकी वजह महंगाई दर में नरमी, आर्थिक वृद्धि दर को और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किया है, ताकि अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के बीच विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
आर्थिक मामलों के जानकारों को मानना है कि मौजूदा समय में महंगाई दर संतुलित स्थिति में है। रिजर्व बैंक ने तरलता की स्थिति को कई उपायों के माध्यम से काफी सहज बना दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि आरबीआई 4-6 जून तक चलने वाली एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का निर्णय ले सकती है। इसके अलावा इस बैठक में आरबीआई अपनी विकास दर और महंगाई दर के अनुमान को भी संशोधित कर सकता है। इसकी वजह देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महुंगाई दर अप्रैल में घटकर छह साल के निचले स्तर पर आ गई है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 3.34 फीसदी और फरवरी में 3.61 फीसदी रही थी।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली और वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम एमपीसी की बैठक यानी इस वर्ष फरवरी और अप्रैल में लगातार दो बार प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25-0.25 फीसदी तक की कटौती की, जिससे यह 6.50 फीसदी से 6 फीसदी पर आ गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ घटकर 6.5 फीसदी रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी थी। हालांकि, जनवरी-मार्च तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी की विकास दर हासिल किया है, जो कि विश्लेषकों की अपेक्षा से अधिक था। वहीं महंगाई दर फिलहाल 4 फीसदी लक्ष्य के अंदर बनी हुई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर