पर्यावरण की रक्षा विकल्प नहीं, जीवन का आधार: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए


- ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान ने वृक्षारोपण को भावनात्मक संकल्प से बनाया है सामाजिक आंदोलन

भोपाल, 04 जून (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं और प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग और समर्पित रहने का आहवान किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की शुद्धता न केवल हमारे भौतिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति का भी आधार है। हमारी भारतीय परम्परा में प्रकृति को देवतुल्य माना गया है। वृक्षों में देवत्व की भावना, नदियों में मातृत्व की छवि और वायु-जल-अग्नि को पंचतत्व रूप में पूजने की संस्कृति ने हमें यह सिखाया है कि पर्यावरण की रक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि जीवन का आधार है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बुधवार को अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान ने वृक्षारोपण को भावनात्मक संकल्प से जोड़ने के साथ पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक आंदोलन में परिवर्तित करने का कार्य किया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे शुभ अवसरों पर कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाएँ।

शुक्ल ने कहा कि पर्यावरण संतुलन और जलवायु संरक्षण का सीधा संबंध मानव स्वास्थ्य से है। स्वच्छ वायु, शुद्ध जल, हरियाली और जैव विविधता एक ऐसी सतत विकास की राह बनाते हैं, जिसमें भावी पीढ़ियाँ स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सकेंगी। उन्होंने कहा कि “सस्टेनेबल फ्यूचर” की संकल्पना तभी साकार होगी जब हम आधुनिक प्रौद्योगिकी को भारतीय जीवन मूल्यों के साथ जोड़कर चलें। योग, आयुर्वेद, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा — यह सब पर्यावरणीय संतुलन के साथ जीने की शैली है, जिसे आज पूरे विश्व ने अपनाना शुरू किया है। हमें गर्व है कि यह भारत की धरोहर है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रदेश के युवाओं, पर्यावरण प्रेमियों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं से आग्रह किया कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एकजुट होकर ठोस प्रयास करें — वृक्षारोपण करें, जल स्रोतों की रक्षा करें, प्लास्टिक मुक्त जीवन अपनाएँ और जैव विविधता को सुरक्षित रखें। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्य केवल एक दिन की औपचारिकता न बने, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य बन जाए। यही भाव राष्ट्र को “विकसित भारत” की दिशा में अग्रसर करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर