साल 2027 में जातियों के साथ दो चरणों में होगी जनगणना
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इमारत (फाइल फोटो)


नई दिल्ली, 4 जून (हि.स.)। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि साल 2027 में जनगणना आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें जातियों की गणना भी शामिल होगी। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रव्यापी जनसंख्या 1 मार्च, 2027 को शुरू होगी। इसमें जातियों की गणना भी शामिल होगी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जनगणना की प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो जाती है। जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। जनगणना का दूसरा और अंतिम चरण फरवरी 2027 से शुरू होकर 01 मार्च 2027 (संदर्भ तिथि) को संपन्न हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछली जनगणना 2011 में आयोजित की गई थी, जो दो चरणों में पूरी हुई थी। 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी।

गृह मंत्रालय के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के साथ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के असमकालिक बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 को 00.00 बजे होगी। जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार, उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवत: 16.06.2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।

भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी, जिसमें i) चरण I – मकान सूचीकरण (एचएलओ) (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010) और (ii) चरण II – जनगणना (पीई) (09 फरवरी से 28 फरवरी 2011) संदर्भ तिथि - मार्च 2011 के पहले दिन 00:00 बजे के साथ, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढंके असमकालिक क्षेत्रों के लिए यह 11 से 30 सितंबर 2010 के दौरान आयोजित की गई थी और संदर्भ तिथि अक्टूबर 2010 के पहले दिन 00.00 बजे थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार