राजस्थान हाईकोर्ट : व्यक्ति विशेष के नाम से घोषित तीन नए राजस्व ग्राम की सृजन अधिसूचना निरस्त
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जोधपुर, 04 जून (हि.स.)। राजस्थान उच्च न्यायालय ने व्यक्ति विशेष के नाम से घोषित तीन नए राजस्व ग्राम की सृजन अधिसूचना को निरस्त किया है। जोधपुर के शेरगढ़ तहसील के मूल राजस्व ग्राम ख़िरजा भोजा में से तीन नए ग्राम पृथ्वीराज सिंह नगर, लादानी नगर और हड़मतसिंह नगर बनाये जाने का मामला है। मामले में अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने याची डूंगर सिंह आदि की ओर से पैरवी की। राजस्थान हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ से राहत मिली है।

जोधपुर जिले की शेरगढ़ तहसील, पंचायत समिति सेखाला के ग्राम पंचायत ख़िरजा फतेहसिंह के मूल राजस्व ग्राम ख़िरजा भोजा निवासी डूंगरसिंह सहित छह अन्य की ओर से अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने रिट याचिका दायर कर बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी राजस्व ग्राम में आबादी बढ़ जाने और मूलभूत सुविधाओं के सुलभ और नज़दीक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत परिपत्र जारी कर नये ग्राम बनाये जाने के लिए निर्धारित मापदंड और नियम बना रखे हैं और उसी के अनुरूप समय की जरूरत अनुसार नए राजस्व गाँव प्रस्तावित और सृजित होते रहे है। लेकिन राजनीतिक दुर्भावनापूर्वक और राजनैतिक पार्टी के व्यक्ति विशेष को उपकृत करने के एक मात्र उद्देश्य से याचिकाकर्ताओ के मूल राजस्व ग्राम ख़िरजा भोजा में से तीन नये ग्राम प्रस्तावित कर दिए गए। जिस पर याचिकाकर्ताओ सहित सभी ग्रामवासियों ने लिखित में आपत्तियां भी पेश की लेकिन स्थानीय विधायक की विशेष अनुशंषा और दख़लअंदाजी होने से सभी आपत्तियां को दरकिनार करते हुए और अपेक्षित मापदंडों को कंसीडर किए बिना ही व्यक्ति विशेष के पूर्वजों के नाम से तीन नए राजस्व गांव बनाते हुए 10 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर दी गयी थी। जिसे पूर्व में रिट याचिका दायर कर चुनोती दी गयी थी। हाइकोर्ट की एकलपीठ ने उक्त अधिसूचना 10.01.2025 को निरस्त करते हुए 18.02.2025 को रिपोर्टेबल निर्णय पारित किया गया।

बावजूद उक्त निर्णय के, राज्य सरकार ने फिर उन्हीं नाम से वापस तीन नए राजस्व गांव सृजित करने की अधिसूचना 26 मार्च, 2025 जारी कर दी गयी, जिसे वर्तमान रिट याचिका में चुनौती दी गयी। याचीगण की ओर से अधिवक्ता ख़िलेरी ने बताया कि नियमानुसार नए राजस्व ग्राम के लिए आबादी, चरागाह, सिवाय चक जमीन, आबादी जमीन, आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के विस्तार इत्यादि के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही नए राजस्व गांव का सृजन किया जा सकता है लेकिन राजस्व विभाग द्वारा ग्राम ख़िरजा भोजा से तीन नए गांव घोषित करने के लिए जारी की गई अधिसूचना 26 मार्च 2025 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 16 में विहित प्रक्रिया और प्रावधानों के विपरित होकर मात्र राजनैतिक व व्यक्ति विशेष के नाम से होने से गैरवाजिब, गैरकानूनी और अवमाननाजनक भी है।

हाइकोर्ट की एकलपीठ द्वारा एक बार अधिसूचना को निरस्त कर देने के बावजूद, पुन: उन्ही व्यक्ति विशेष के नामों से अधिसूचना जारी करने का राज्य सरकार का कृत्य गैरकानूनी व अवमाननाकारक भी है। प्रकरण के तथ्यों, मामले की परिस्थितियों का अनुशीलन कर और पूर्व न्यायिक दृष्टान्तों से सहमत होते हुए राजस्थान हाइकोर्ट की एकलपीठ ने शेरगढ़ तहसील के मूल ग्राम ख़िरजा भोजा से नवसृजित तीन राजस्व गांव के सर्जन अधिसूचना दिनाँक 26 मार्च 2025 को निरस्त कर दिया। साथ ही जोगाराम बनाम सरकार में पारित पूर्व निर्णय अनुसार राज्य सरकार को नए गांव सृजित करने की छूट रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश