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नई दिल्ली, 04 जून (हि.स)। नीति आयोग के ग्रामीण विकास प्रभाग ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित नीति आयोग के मुख्यालय में ‘ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों को मजबूत बनाने’ पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की। इस संगोष्ठी में समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय असमानताओं को पाटने में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया।
नीति आयोग के मुताबिक संगोष्ठी में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, वित्तीय संस्थानों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और जमीनी स्तर के उद्यमियों ने ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करके महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों पर विशेष ध्यान दिया गया। सेमिनार में समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय असमानताओं को पाटने में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। नीतिगत ढाँचों को सक्षम बनाने, किफायती ऋण तक पहुँच में सुधार करने और डिजिटल और बाज़ार पहुंच को बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिसमें ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसी पहलों का उपयोग किया गया। चर्चाओं में विनियामक मानदंडों को सरल बनाने और डिजिटल उपकरणों और प्लेटफ़ॉर्म तक अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने ग्रामीण उद्यमिता को समर्थन देने के लिए मिश्रित वित्त मॉडल, संस्थागत संपर्क और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधियों का लाभ उठाने की वकालत की। बाजार पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और निजी क्षेत्र के संसाधनों को खोलने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर