'बांग्लार बाड़ी' परियोजना का प्रथम किश्त पाने के बाद लापता कई लाभार्थी, अधिकारी हैरान
'बांग्लार बाड़ी' परियोजना का प्रथम किश्त पाने के बाद लापता कई लाभार्थी, अधिकारी हैरान


पूर्व बर्दवान, 4 जून (हि.स.)।

पश्चिम बंगाल सरकार की आवास योजना 'बांग्लार बाड़ी' योजना में भी धांधली के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व बर्दवान जिला प्रशासन द्वारा सर्वेक्षण के बाद झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों की पहचान कर राज्य को सूची भेजे जाने के बाद राज्य सरकार ने पहली किश्त की राशि भी दे दी है। अब जिले के अधिकारी यह जानने के प्रयास में हैं कि उस राशि से मकान निर्माण में कितनी प्रगति हुई है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कई परिवार बांग्लार बाड़ी परियोजना के खातों से पैसे निकालकर गायब हो गए हैं। वे इलाके में नहीं मिल रहे हैं। अधिकारी फिलहाल ऐसे 17 परिवारों की तलाश कर रहे हैं। प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, कई लोगों ने पैसे मिलने के बाद भी मकान निर्माण शुरू नहीं किया है। प्रशासन ऐसे 126 परिवारों से पैसे वापस ले चुका है। साठ और परिवारों पर कार्रवाई हो सकती है। उन्हें फिर से मकान बनाने का आदेश दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर पैसे वापस ले लिए जाएंगे। अगर कोई पैसा नहीं लौटाता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पूर्व बर्दवान की जिलाधिकारी आयशा रानी ने कहा, हमारा किसी से पैसे वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। जो लोग पैसा प्राप्त कर घर बना रहे हैं, उन्हें हर तरह से सहयोग किया जाएगा। लेकिन, अगर घर नहीं बना है, तो पैसे वापस करने होंगे। इस परियोजना के पैसे को अन्य चीजों पर खर्च नहीं किया जा सकता है। प्रत्येक परिवार को पर्याप्त समय दिया गया है। प्रशासन से यह भी पता चला है कि जिन्होंने पहले चरण में पैसा प्राप्त करने के बाद काम किया है, उन्हें दूसरी किश्त दी जा रही है। अब तक 64,699 परिवारों को दूसरी किश्त दी जा चुकी है। परिवार अपनी योजना के अनुसार घर बना सकेंगे। अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना के लिए क्षेत्र के किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को खुश करने की जरूरत नहीं है। शिकायत दर्ज होने पर पैसे मांगने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लाभार्थी अपनी पसंद की जगह से निर्माण सामग्री खरीद सकेंगे। अगर कोई सिंडिकेट उन पर अत्याचार करता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। हाल ही में जमालपुर और कटवा अनुमंडल से प्रशासन को कई शिकायतें सौंपी गई थीं। कुछ लाभार्थियों ने उनसे पैसे की मांग की थी। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अगर कोई लाभार्थी पैसा मिलने के बाद घर नहीं बनाता है, तो प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में देरी नहीं करेगा। पहली किश्त के पैसे मिले करीब ढाई महीने बीत चुके हैं। हर लाभार्थी से कई बार घर बनाने के लिए कहा गया है। अधिकांश परिवारों ने काम शुरू कर दिया है। कुछ लाभार्थी अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकना चाहते थे। लेकिन उनकी कोशिशें नाकाम रहीं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय